अपनी पत्नी के सार्वजनिक अपमान पर चुप क्यों है अखिलेश यादव

भोपाल। भारतीय जनता पार्टी की विधायक श्रीमती रीति पाठक ने समाजवादी पार्टी की सांसद डिंपल यादव के बारे में एक मुस्लिम नेता के अपमानजनक बयान और उस बयान को लेकर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव की चुप्पी की निंदा करते हुए कहा कि अखिलेश यादव मुस्लिम वोट बैंक खोने के डर से सिर्फ उनकी पत्नी डिंपल यादव ही नहीं, बल्कि नारी सम्मान की बलि चढ़ा रहे हैं। क्या उनके लिए वोट बैंक की राजनीति एक महिला की गरिमा से अधिक महत्वपूर्ण है?
भाजपा विधायक श्रीमती रीति पाठक ने कहा कि 23 जुलाई को समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सपा नेताओं के साथ अपने वोट बैंक के तुष्टिकरण के लिए नई दिल्ली की एक मस्जिद में एक राजनीतिक बैठक की, जिसमें उनकी पत्नी और मैनपुरी से लोकसभा सांसद डिंपल यादव, उनकी ही पार्टी के अन्य सांसद जैसे जिया उर रहमान बर्क और इकरा हसन भी शामिल थे। इस पर कई मुस्लिम संगठनों ने आपत्ति जताई है। बैठक में डिंपल यादव के पहनावे को लेकर ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के प्रमुख मौलाना शाहबुद्दीन रिजवी ने आपत्तिजनक बयान दिया और मौलाना मोहिबुल्ला नदवी पर भी निशाना साधा और कहा कि मस्जिद में राजनीतिक बैठक बुलाना शर्मनाक है। मौलाना साजिद रशीदी ने तो लाइव टीवी पर डिंपल यादव के प्रति अशोभनीय भाषा का प्रयोग किया। यही नहीं, बल्कि मौलाना साजिद रशीदी और मौलाना शाहबुद्दीन रिजवी ने अखिलेश यादव और डिंपल यादव से माफी की मांग भी की है।
भाजपा विधायक श्रीमती रीति पाठक ने कहा कि इस पूरे प्रकरण में समाजवादी पार्टी और अखिलेश यादव की चुप्पी आश्चर्यजनक और शर्मनाक है। जब एक महिला जनप्रतिनिधि और स्वयं उनकी पत्नी डिंपल यादव का सार्वजनिक रूप से अपमान किया जा रहा है, तब अखिलेश यादव मौन क्यों हैं? क्या उनके लिए वोट बैंक की राजनीति एक महिला की गरिमा से अधिक महत्वपूर्ण है? उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव की चुप्पी बताती है कि उन्हें डर है कि अगर उन्होंने इन मौलानाओं के बयानों का विरोध किया तो उनका परंपरागत वोट बैंक नाराज़ हो जाएगा।
भाजपा विधायक श्रीमती रीति पाठक ने कहा कि ऐसे समय में जब सपा और अन्य राजनीतिक दल नारी अपमान की इस घटना पर मौन हैं, देश की जनता को यह तय करना होगा कि वह उन राजनीतिक दलों और नेताओं का साथ दे, जो एक महिला जनप्रतिनिधि और समूची नारी शक्ति का अपमान चुपचाप देखते रहते हैं, या फिर एक ऐसी पार्टी और उसके नेता के साथ खड़े रहना है, जो नारी शक्ति के सम्मान और राष्ट्रवादी विचारधारा को समर्पित हैं। उन्होंने कहा कि एक महिला होने के नाते मैं यह आह्वान करती हूं कि वोट बैंक के लिए नारी सम्मान की बलि चढ़ाने वाले राजनीतिक दलों और कुंठित मानसिकता वाले व्यक्तियों तथा नेताओं को राजनीति और समाज से बाहर किया जाए।