राम की जीत में संकटमोचक बने मंत्री राकेश शुक्ला
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भोपाल/श्योपुर। देश में दीपावली की धूम के बाद मध्यप्रदेश में चुनावी धूम मची हुई है। प्रदेश के सरकार और भाजपा संगठन सुप्रीमो के साथ प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री राकेश शुक्ला बहुचर्चित चंबल इलाके की विधानसभा सीट "विजयपुर"के उपचुनाव में अपने-अपने मोर्चे पर तैनात हो गए। भाजपा संगठन में "चरैवेति- चरैवेति" के मूल पाठ को पढ़कर प्रदेश की राजनीति में सक्रिय हुए राकेश शुक्ला का चुनाव प्रचार करने का तरीका इन दिनों चर्चा का विषय बना हुआ है।
यहा यह बताना जरूरी होगा कि विजयपुर विधानसभा का उपचुनाव चर्चित क्यों है। यह है कि कांग्रेस के कद्दावर नेता रहे रामनिवास रावत विजयपुर विधानसभा से विधायक निर्वाचित हुए थे। निर्वाचित होने के बाद लोकसभा चुनाव के समय वे कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए। प्रदेश की 29 लोकसभा सीटों पर कमल खिल उठा। कमल खिला त्यों रामनिवास को भाजपा ने कैबिनेट मंत्री की शपथ करा दी। शपथ होने के बाद प्रदेश में दो विधानसभाओ पर चुनाव निर्वाचन आयोग ने उपचुनाव की घोषणा कर दी। जिसमें विजयपुर विधानसभा शामिल थी। हालांकि बुधनी विधानसभा भी मामा शिवराज के इस्तीफे के बाद खाली हुई थी तो वहा तो उपचुनाव होना ही था।
अब बात करते हैं विधानसभा विजयपुर की जहां पर चुनाव चर्चित क्यों है एक तो इस विधानसभा सीट से रामनिवास रावत पंजा छोड़कर कमल से चुनाव लड़ रहे हैं दूसरी बात जो है वह विधानसभा का आम जन बता रहा है। स्थानीय नागरिकों का कहना है कि हमारे जिले के प्रभारी मंत्री बने राकेश शुक्ला के चुनाव प्रचार करने का तरीका सबसे अलग है जो हमें पसंद आया है। यानी कि इस चुनाव में राकेश शुक्ला भी चर्चित नेता के रूप में उभरे हैं।
आदिवासी बाहुल्य एक गांव में जब हम पहुंचे तो आदिवासी भाई मंजीराम आदिवासी ने चर्चा करते हुए बताया कि हम पहली बार ऐसे किसी व्यक्ति को देख रहे हैं, जिनका चुनाव प्रचार में आध्यात्मिक सत्संग के साथ हम जैसे आदिवासी भाइयों के साथ मिल बैठकर भात भोज और उनकी सहृदयता मिलन देखते को मिलती है। क्षेत्र में अब राकेश शुक्ला को लोग हनुमान भक्त के मंत्री की नाते भी जानने लगे हैं।
वहीं दूसरी ओर भाजपा कार्यकर्ताओं से मंत्री राकेश शुक्ला के संदर्भ में बातचीत की गई तो उन्होंने हनुमान चालीसा की पंक्ति गाते हुए कहा कि बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरौं पवन कुमार। बल-बुद्धि बिद्या देह मोहिं, हरहु कलेस बिकार। मतलब आप समझ लीजिए की राम की जब-जब विजय हुई है तब तब हनुमान ने ही नैया तारी है।