नई दिल्ली । उपराष्ट्रपति पद से जगदीश धनकर के इस्तीफा देने के बाद इस पद को लेकर कई और नाम चर्चा मे आ रहे हैं। इसमें पीएस श्रीधरन पिल्लई का नाम अब जोर पकड़ने लगा है। हाल में ही गोवा के राज्यपाल के तौर पर पी.एस. श्रीधरन पिल्लई को विदाई दी गई थी। केंद्रीय मंत्री श्रीपद नाइक, राज्यसभा सांसद सदानंद शेट तनवड़े, राज्य मंत्रिमंडल के कई मंत्री और भाजपा विधायक इस समारोह में शामिल हुए थे। पिल्लई ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत भारतीय जनता पार्टी की छात्र शाखा अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) से की। कॉलेज के दिनों में वे ABVP के राज्य सचिव थे। वे 2003 से 2006 तक केरल भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष चुने गए और 2004 में केंद्र शासित प्रदेश लक्षद्वीप के भाजपा प्रभारी भी रहे। उनके नेतृत्व में, 2004 में, एनडीए ने केरल (पी. सी. थॉमस, आईएफडीपी) और लक्षद्वीप (पी. पूकुन्ही कोया, जेडीयू) से दो सांसद सीटें जीतीं। 2018 में, उन्हें कुम्मनम राजशेखरन से पहले फिर से राज्य अध्यक्ष नियुक्त किया गया। उन्हें 25 अक्टूबर 2019 को मिज़ोरम का राज्यपाल नियुक्त किया गया। 2021 में उन्हें गोवा का राज्यपाल बनाया गया था। वह केरल से आते हैं। ऐसे में वहां अगले साल होने वाले चुनाव को देखते हुए भाजपा यह दांव लगा सकती है।