"चंबल घाटी में गूंजा हिंदुत्व का चित्रण"
मेहगांव (चंबल की घाटी)/ भोपाल। सर्दियों के समय में एक समय था। जब चंबल की घाटी में बसे गांवो में शाम 6:00 बजे बाद घरों के दिल्लानो के बेड़े बंद हो जाते थे और गांवो के घरों की लालटेने बंद कर दी जाती थी। उस समय चंबल की घाटी में दुर्दांत  डाकुओं का खौफ लोगों के मनों में विद्यमान था। लेकिन प्रदेश में भाजपा की सरकार बनी और घाटी से डाकुओं का सफाया हो गया।
अब चंबल की घाटी में इन दिनों "द साबरमती रिपोर्ट" की फिल्म का शोर गूंज रहा है।
घाटी में इस अनुगूंज की पहल करने वाले ओर कोई नहीं प्रदेश सरकार के चंबल के मंत्री राकेश शुक्ला है।
रविवार को उन्होंने इस घाटी में गोधरा कांड को बनी बहुचर्चित फिल्म का चल चित्रण करवा कर एक बार फिर घाटी में बता दिया कि देश और प्रदेश सुरक्षित हाथों में है। चंबल में अब आमजन बेफिक्री से चल चित्रण का आनंद उठा सकता है। कुछ फोटो और वीडियो इस बात के गवाह है।