कोलूआ, खिरिया गुहास खिरिया मऊ, जमा खेड़ी, नारायणपुर, पाराशरी आदि गांवों का भ्रमण किया जिसमें सरसों की फसल में माहू का प्रकोप देखने को मिला जिसके लिए इमिडाक्लोरोप्रिड आधा ग्राम प्रति लीटर की दर से एवं गेहूं में पीला रोग के नियंत्रण के लिए 2 कि ग्राम यूरिया के साथ 50 ग्राम कार्बनडाजिम मिलाकर छिड़काव करने की सलाह दी गई। सरसों की फसल में श्वेत किट एवं डंडी के मुड़ने की समस्या के नियंत्रण के लिए मैटेलेक्जिल एवं मेंकौजेब 2 ग्राम प्रति लीटर की दर से छिड़काव ,गेहूं में जड माहू की समस्या के लिए क्लोरोपीरीफोस 3 मिली ली प्रति लीटर की दर से छिड़काव करें। मसूर एवं चने में सूखने की समस्या हेतु 2 ग्राम रिडोमिल प्रति लीटर की दर से या ट्राइकोडर्मा 5 मिली लीटर प्रति लीटर दर से छिड़काव करने की सलाह दी गई। मटर धनिया आलू टमाटर आदि फसलों को सीट सीत लहर से बचाव के लिए 100 ग्राम थायो यूरिया 30 ग्राम सल्फर 15 ग्राम बोरेक्स प्रति पम्प मिलाकर छिड़काव करें जिससे अधिकतम तापमान में कमी के प्रभाव से फसलो को बचाया जा सके। भ्रमण के दौरान केंद्र के प्रधान वैज्ञानिक एवं प्रमुख डॉ बी एस गुप्ता पौध संरक्षण विशेषज्ञ डॉक्टर हेमंत कुमार त्रिवेदी उद्यान की वैज्ञानिक डॉक्टर केके यादव उपस्थित रहे ।