शिवपुरी l  राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय के कृषि महाविद्यालय ग्वालियर से ग्रामीण कृषि कार्य अनुभव के लिए छह माह के लिए आए 18 रावे छात्रों ने कृषि विज्ञान केन्द्र, शिवपुरी के समन्वय में ग्राम रातोर विकासखण्ड शिवपुरी में आज सोमवार को सहभागी ग्रामीण मूल्यांकन तकनीक से स्थानीय कृषकों एवं जनसामान्य की सहभागिता से ग्राम की स्थितियों का मूल्यांकन कर संसाधनों की पहचान कर मानचित्र पर उकेरा गया।
कृषि विज्ञान के वरिष्ठ वैज्ञानिक ने बताया कि इस तकनीक को पीआरए कहा जाता है। जिसमें स्थानीय स्थिति में बदलाव लाने के लिए अपनी स्वयं की जीवन स्थितियों, समस्याओं और संभावनाओं का विश्लेषण करते हुए सकिय भूमिका निभाने के लिए सशक्त बनाने पर जोर दिया गया। इसी के साथ कृषकों को रबी फसलों की वर्षा संचय जल के आधार पर बुवाई विशेषकर सरसों के लिए उन्नत किस्मों, बीजोपचार के साथ-साथ उर्वरक प्रबंधन के लिए डी.ए.पी. के विकल्प के तौर पर एन.पी.के. या एन.पी.के.एस. मिश्रित उर्वरकों की जानकारी से अवगत कराया गया। रावे छात्रों को कृषि के साथ-साथ कृषि उद्यमिता की जानकारी से जुड़ने तथा ग्रामीण उद्यमिता विकास के लिए भी प्रेरित किया गया।
कृषि विज्ञान केन्द्र, शिवपुरी के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख डॉ. पुनीत कुमार के निर्देशन में वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ.एम.के.भार्गव रावे प्रभारी एवं सह रावे प्रभारी डॉ. नीरज कुमार कुशवाहा के साथ सहायक संचालक कृषि एस.एस.घुरैया एवं वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी एस.एस.जाटव भी उपस्थित रहे और किसान कल्याण तथा कृषि विकास की कृषकों के हितार्थ लाभकारी योजनाओं की जानकारी दी गई।