देवास l कृषि विज्ञान केंद्र देवास द्वारा ग्राम मेरखेडी में सोयाबीन फसल पर प्रक्षेत्र दिवस का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत में कार्यक्रम की रूपरेखा बताते हुए वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. महेंद्र सिंह ने बताया कि भारत सरकार की तिलहन क्लस्टर प्रदर्शन योजना अंतर्गत किसानों को सोयाबीन की उन्नत किस्म आर.व्ही.एस.-24 का बीज प्रदाय किया गया था। यह किस्म लगभग 95 दिन में पककर तैयार हो जाती है और वर्तमान में बदलते हुए मौसम के परिवेश को देखते हुए यह किस्म जिले के किसानों के लिए अच्छी साबित हुई है। साथ ही उन्होंने आगामी फसलों जैसे गेहूं, चना एवं सरसों में समन्वित खरपतवार प्रबंधन एवं उन्नत किस्मों के बारे में विस्तृत चर्चा की।

केंद्र के प्रधान वैज्ञानिक एवं प्रमुख डॉ. एक बड़ाया ने किसानों को फसल विविधिकरण को अपनाने पर जोर दिया तथा बताया कि किसान भाई खरीफ मौसम में सोयाबीन के साथ-साथ सब्जी वाली फसलें भी लगाएं। जिससे की उन्हें कम क्षेत्र में अधिक से अधिक आमदनी प्राप्त हो सके। साथ ही उन्होंने किसानों को बहुस्तरीय सब्जी उत्पादन तकनीक के बारे में विस्तृत रूप से जानकारी दी। जिससे की लघु एवं सीमांत कृषक कम क्षेत्र में भी अधिक से अधिक सब्जी उत्पादन प्राप्त कर अपनी आय में वृद्धि कर सकते हैं।

     डॉ मनीष कुमार ने सोयाबीन तथा आगामी फसलें गेहूं चना आदि पर समन्वित कीट नियंत्रण के विभिन्न घटकों को अपनाते हुए कम से कम कीटनाशकों का छिड़काव कर कीट नियंत्रण के संबंध में जानकारी दी गई। वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. भार्गव ने किसानों को जल संरक्षण एवं सिंचाई की विभिन्न तकनीकों पर विस्तृत रूप से जानकारी दी। इस कार्यक्रम में ग्राम मेरखेड़ी के लगभग 50 कृषक, महिलाएं तथा सोलेरिडेड संस्था की पुरवा दीक्षित एवं गोपाल पटेल उपस्थित थे।