कटनी  -  विद्यार्थियों को प्रकाश खाद एवं ईंधन उपयोग के लिए बायोगैस संयंत्र निर्माण का प्रशिक्षण दिया गया, बायोगैस संयंत्र से ईंधन और अच्छी खाद प्राप्त होने के साथ लकड़ी एवं गोबर के कंडे बनाने से मुक्ति मिलती है धुंए से छुटकारा नेत्र एवं फेफड़े आदि रोगों से बचाव तथा खाना पकाने से समय की बचत होती है दीनबंधु संयंत्र में 2 घन मीटर में 50 किलो गोबर एवं 50 लीटर पानी घोलकर बायोगैस संयंत्र में प्रतिदिन डालने से प्रतिदिन 8 लोगों का भोजन तैयार होगा कृषकों को शासन द्वारा नियमानुसार अनुदान दिया जाता है।            बायोगैस की खाद सिंचित भूमि में 10 टन असिंचित भूमि में 5 टन प्रति हेक्टर फसलों में डालने से 15 से 20ः तक उत्पादन में वृद्धि होगी बायोगैस खाद में पौधों के लिए आवश्यक सभी पोषक तत्व मौजूद होते हैं। इसकी गैस से ईंधन एवं प्रकाश व्यवस्था के अतिरिक्त सिंचाई हेतु डीजल इंजन चलाने से 75 प्रतिशत डीजल की बचत की जा सकती है इस संबंध मे विद्यार्थियों को फूलों एवं फल वाले पौधों की संख्या बढ़ाने के लिए पौध प्रसारण की लैंगिक एवं अलैंगिक विधियों की जानकारी का तकनीकी प्रशिक्षण दिया गया। यह प्रशिक्षण विजयराघवगढ महाविद्यालय में व्यवसायिक शिक्षा के अंतर्गत प्राचार्या डॉ सुषमा श्रीवास्तव के मार्गदर्शन एवं प्रशिक्षण समन्वयक डॉक्टर ए के सिंह एवं सुमन पुरवार के सहयोग से जैविक कृषि विशेषज्ञ रामसुख दुबे द्वारा विद्यार्थियों को जैविक खेती का प्रशिक्षण दिया जा रहा है।