अशोकनगर l गर्मियों का मौसम आते ही आमजनता एवं बच्चे गर्मियों से राहत पाने के लिये कई प्रकार के ठंडे खाद्य एवं पेय पदार्थ जैसे कुल्फी, आइसक्रीम, बर्फ का गोला, आदि वस्तुओं का उपयोग करने लगते है । आम जनता द्वारा ब्राण्डेड कंपनियों के आइसक्रीम, कुल्फी का उपयोग यह सोच कर किया जाता है कि बडी कंपनियो के द्वारा खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखा जाता होगा। जनता के इस भरोसे का कंपनियां किस प्रकार से दुरूपयोग किस प्रकार से कर रही है, इसका पता इस बात से ही लगाया जा सकता है कि विगत वर्ष खाद्य सुरक्षा अधिकारी द्वारा एक ब्राण्डेड आइसक्रीम टॉप एन टाउन का नमूनाजांच हेतु राज्य खाद्य परीक्षण प्रयोगशाला भेजा गया था। जिसकी रिपोर्ट मानक स्तर की पाये जाने के उपरांत अभिहित अधिकारी द्वारा जांच रिपोर्ट त्रुटिपूर्ण होने की आशंका पर नमूने का द्वितीय भाग जांच हेतु निर्दिष्ट खाद्य प्रयोगशाला मैसूर भेजा गया था। जहां से नमूना अवमानक होना पाया गया है । रिपोर्ट प्राप्ति के पश्चात खाद्य सुरक्षा प्रशासन द्वारा खाद्य कारोबारकर्ता के बिल की जानकारी लेकर संबंधित कंपनी को नोटिस भेजे जाने की तैयारी की जा रही है । विवेचना पूर्ण होने के उपरांत प्रकरण को माननीय न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया जायेगा । खाद्य सुरक्षा अधिकारी द्वारा बताया गया कि इस संबंध में विवेचना जारी है। विवेचना उपरांत जल्द से जल्द प्रकरण को समक्ष न्यायालय के सम्मुख प्रस्तुत कर दिया जायेगा । खाद्य सुरक्षा अधिकारी का ये भी कहना है कि देखने में आया है कि दुकानदार टैक्स देने से बचने के लिये कंपनियों एवं थोक विक्रेताओं से पक्का बिल नही लेते है। जिससे कि कंपनी एवं निर्माताओं के लिये प्रकरण से बचना आसान हो जाता है। प्रकरण से संबंधित समस्त जवाबदारी फुटकर विक्रेताओं पर आ जाती है। सभी दुकानदारों से अपील की जाती है कि वह कंपनियों एवं थोक विक्रेताओं से खरीदे गये खाद्य पदार्थों का बिल अवश्‍य लेवें। जिससे कि निर्माता कंपनियों के विरूद्ध प्रकरण बनाये जाने मे आसानी होगी एवं ऐसे खाद्य पदार्थों का खरीदने से बचे। जिनमें कि खाद्य पदार्थो के बनाये जाने की तिथि, उपयोग किये जाने की तिथि एवं निर्माता कंपनी का पूर्ण पता नहीं लिखा हो ।