शाजापुर कलेक्टर सुश्री ऋजु बाफना ने सहकारी समितियों एवं निजी क्षेत्र के उर्वरक विक्रेताओं को निर्देश दिए है कि वैकल्पिक उर्वरकों की जानकारी संस्थानों में बैनर लगाकर प्रदर्शित करें। कलेक्टर ने कहा कि प्रायः देखा जा रहा है कि जिले में कृषको द्वारा एनपीके 12:32:16 डीएपी 18:46:0 एवं यूरिया उर्वरक का अधिकतम उपयोग किया जाता है। शेष एनपीके उर्वरक 10:26:26, 16:16:16, 11:52:0, 20:20:0:13, 14:35:14 या अन्य एनपीके का उपयोग बहुत ही अल्प मात्रा में उपयोग होता है। इस रबी सीजन में डीएपी एवं एनपीके (12:32:16) की उपलब्धता कम होने से इनके स्थान पर अन्य एनपीके उर्वरक के उपयोग के बारे में कृषको को प्रोत्साहित करें। इसके लिए संस्थाओं में बैनर लगाए, ताकि कृषकों को अन्य वैकल्पिक उर्वरकों की जानकारी हो और वे इनका उपयोग कर सके।