खंडवा l जिले में गठित डायग्नोस्टिक टीम एवं उप संचालक कृषि खण्डवा द्वारा जिले के विकासखण्ड खंडवा, पंधाना, हरसूद, खालवा के जावर, सिहाड़ा, जामलीकला, सारोला, टेमी कला, खिडगाँव, बडगाँव पिपलौद (ऐडा), केदारखेडी, चारखेडा, खार, बखार, मोहनियाखेड़ा, रजूर आदि ग्रामों में भ्रमण किया गया। भ्रमण के दौरान गेंहू की फसल पर रोग का प्रकोप देखा गया। प्रभावित गेंहू फसल के पौधे का सेम्पल लिया जाकर कृषि महाविद्यालय खंडवा की पैथोलॉजी लेब में टेस्ट/परीक्षण कराया गया। परीक्षण में कृषि महाविद्यालय के वैज्ञानिको द्वारा स्टैगोनोस्पोरा नोडोरम फफूंद रोग बीमारी के बारे में अवगत कराया गया। रोग से प्रभावित गेंहू फसल में बालियों के ऊपर काले रंग का पाउडर दिखाई देता है और बाली काली दिखाई देने लगती है। बाली सुखने जैसी दिखाई देती है, कुछ दाने हरे दिखते है। उप संचालक कृषि ने बताया कि अंत में बाली में दाने नहीं भरते तथा बाली सुखकर काली हो जाती है। पौधा भी सुखने जैसा दिखाई देने लगता है। इसका संक्रमण बालीयों के बनने की अवस्था में होता है एवं यह कम तापमान एवं नमी होने की दशा में उत्पन्न होता है तथा संक्रमण हवा के द्वारा फैलता है।

          कृषि महाविद्यालय खंडवा के डॉ. एस.के. आरसिया द्वारा अनुशंसा की गई है कि गेंहू फसल में स्टैगोनोस्पोरा नोडोरम फफूंद रोग की रोकथाम हेतु प्रोपीकोनाजाल दवा का 1 एमएल प्रति लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करना चाहिए। भ्रमण के दौरान कृषि महाविद्यालय खंडवा एवं कृषि विज्ञान केंद्र खंडवा के वैज्ञानिक डॉ. डी के वाणी, डॉ. सतीश परसाई, डॉ. सौरभ गुप्ता, डॉ. धीरेन्द्र माहोर एवं उपसंचालक कृषि श्री के.सी. वास्केल, अनुविभागीय कृषि अधिकारी श्री एल. एस. मण्डलोई, संबंधित विकासखंड के वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी एवं ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी उपस्थित थे।