दतिया शासन की विभिन्न योजनाओं से महिलाओं को नित नए अवसर प्राप्त हो रहे हैं और उनके सपनों को नए पंख मिल रहे हैं। पहले के समय में महिलाएं केवल घर की दहलीज तक ही सीमित रह जाती थी और घर के काम काज करती थी लेकिन आज की महिला तुलनात्मक रूप से जागरूक और आत्मनिर्भर हुई है। निश्चित तौर पर महिलाओं के हौसलों को नई बुलंदियां मिली हैं। आज वे पुरुषों से कंधे से कंधा मिलाकर उनके विभिन्न कार्यों में उनका सहयोग कर रही है।

ऐसी ही कहानी सेरसा की रहने वाली सुनीता झां की है। सुनीता के परिवार में उनके पति और उनके दो बेटे हैं। बेटे पढ़ने में बहुत ही होनहार है। सुनीता बताती है कि घर की आर्थिक स्थिति पहले बहुत ही खराब थी। कई दिनों तक रोजगार ढूंढने के बावजूद उनके पति को कोई रोजगार नहीं मिल पा रहा था। सुनीता को घर के छोटे मोटे खर्चों एवं बच्चों की पढ़ाई के लिए आर्थिक रूप से पूर्ति नहीं हो पाती थी। कुछ समय तक उनके पति ने ड्राइवरी का कार्य किया जिससे थोड़ा-थोड़ा पैसा आने लगा।

उन्होंने बताया कि जब मुझे पता चला तो मैने गणेश स्वयं सहायता समूह से जुड़ने एवं उसके लाभ के बारे में जानकारी ली। सुनीता बताती है कि उनके घर की आर्थिक स्थिति भी उतनी अच्छी नहीं थी। वे आत्म निर्भर बनना चाहती थी और अपने घर की स्थिति को ठीक करने के लिए रोजगार प्राप्त करना चाहती थी। सुनीता गणेश स्वयं सहायता समूह से जुड़ गई। फिर उन्होंने अपनी अरबी की खेती प्रारंभ की जिससे उन्हें महीने 15000 रुपये का मुनाफा हो रहा है और वो बहुत खुश हैं। सुनीता कहती हैं की आज आज मेरे पति के सहयोग से एवं स्वयं सहायता समूह के माध्यम से इतना मुनाफा कमाने में सक्षम हुई हूं कि घर के खर्चे भी चल जा रहे हैं और बच्चों की पढ़ाई में भी बाधा नहीं आ रही है आज वो बहुत खुश हैं।

खुशी का इजहार करते हुए सुनीता झां माननीय प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री को धन्यवाद व्यक्त करती है। उनका कहना है कि शासन द्वारा चलायी जा रहीं महिलाओं के लिए विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं का लाभ हम जैसी महिलाओं के लिए रामबाण साबित हो रहा है। वे अन्य सभी महिलाओं से आग्रह करती हैं कि सभी महिलाएं जागरूक बने और आगे आएं और शासन की इन कल्याणकारी योजनाओं का लाभ उठाएं और आत्मनिर्भरता के नए आयाम रचें।