ड्रोन के माध्यम से गन्ना, कपास में दवाईयों का छिड़काव किया जा रहा है

बड़वानी /कृषि विभाग ऐसा विभाग है जो सीधे किसानों से जुड़ा है। जमीनी स्तर से जुड़े इस विभाग को किसानों की समस्याओं को समयबद्ध व तत्काल निराकृत करना है। जहां कही कठिन परिस्थिति उत्पन्न हो, वहां समीक्षा कर समस्याओं का निराकरण करने का प्रयास करे। उक्त बाते कलेक्टर सुश्री गुंचा सनोबर ने मंगलवार को कृषि विभाग के विभागीय कार्यो की समीक्षा बैठक के दौरान कही। बैठक में हुई समीक्षा के बिन्दू ऽ कलेक्टर ने पराली/नरवाई जलाने से पर्यावरण को हो रहे नुकसान के संबंध में प्राप्त जानकारी की समीक्षा कर निर्देशित किया कि जिले में आगजनी व कही-कही खेतो में मेढ़ पर कंटीले पौधो व घास फूस जलाने की घटनाओं की जानकारी प्राप्त हुई है। अतः कृषकों से अपील करे कि वे मेढ़ पर लगी झाड़ियों को भी न जलाये। ऽ खरीफ 2025 अंतर्गत बोनी के प्रस्तावित क्षेत्र एवं उत्पादकता के संबंध मंे उप संचालक कृषि विभाग ने बताया कि जिले में कपास व मक्के को कृषकों से अच्छा सपोर्ट मिल रहा है। वही मूंगफली और कोदो कुटकी की फसल को कृषक अपना रहे है। ऽ जिले में खरीफ फसलों में पर्याप्त फसल विविधता है, क्योकि जिले के किसान पुरानी किस्मों के स्थान नई किस्मों को अपनाते है। वही रबी फसलों में गेहूं का रकबा कम होकर अन्य फसल जैसे चना एवं मक्का का रकबा बढ़ रहा है। ऽ रबी वर्ष 2024-25 के क्षेत्राच्छादन प्रगति की समीक्षा कर बताया कि कुल क्षेत्राच्छादन एवं उत्पादकता में वृद्धि हुई है। बीज व्यवस्था के संबंध में बताया कि जिले में फसल विविधता के कारण कोई समस्या नही है। रासायनिक उर्वरक वर्ष 2023-24 की पूर्ति से भण्डारण एवं वितरण का प्रतिशत 141 प्रतिशत एवं 117 प्रतिशत है। ऽ जिले में वर्ष 2024-25 में नैनो यूरिया एवं डीएपी उपलब्धता व वितरण की जानकारी के संबंध में बताया गया कि जिले में ड्रोन के माध्यम से गन्ना, कपास में दवाईयों का छिड़काव किया जा रहा है। ऽ मृदा परीक्षण केन्द्रों द्वारा मृदा परीक्षण का कार्य शत प्रतिशत किया जा रहा है। वर्तमान में मृदा परीक्षण संकलन में राज्य में जिला 7वें स्थान पर है।