खंडवा l मिट्टी परीक्षण प्रयोगशाला में कृषि विभाग में पदस्थ नवीन कृषि विस्तार अधिकारियों और परियोजना संचालक आत्मा कार्यालय के समस्त बीटीएम व एटीएम को सॉइल हेल्थ कार्ड मोबाइल ऐप के माध्यम से मृदा नमूना एकत्रीकरण के संबंध में मंगलवार को सहायक मिट्टी परीक्षण अधिकारी श्रीमती कविता गवली के द्वारा प्रशिक्षण दिया गया। सॉइल हेल्थ कार्ड मोबाइल ऐप के माध्यम से कृषक के खेत में सही लोकेशन के साथ मृदा नमूना लिया जाता है। श्रीमती गवली द्वारा समस्त कृषि विस्तार अधिकारियो को कार्यालय के कृषि भूमि पर सही लोकेशन से मृदा नमूना लेने की विधि विस्तार पूर्वक समझाई गई। उन्होंने बताया कि खेत की उपजाऊ शक्ति की जानकारी के लिए सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि परीक्षण के लिए जो मिट्टी नमूना लिया जा रहा है वह किस के खेत के हर हिस्से का प्रतिनिधित्व करता हो इसलिए एक हेक्टेयर क्षेत्र से 10 से 12 स्थान से मिट्टी का नमूना लेना चाहिए। उन्होंने बताया कि पौधों के समुचित विकास एवं वृद्धि के लिए 16 प्रकार के पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है। मृदा में उपस्थित पोषक तत्वों की रासायनिक विधि से विश्लेषण कर पोषक तत्वों की मात्रा को जानना मृदा परीक्षण कहलाता है। मृदा परीक्षण 3 वर्ष में एक बार करवाना किसान भाइयों के लिए अनिवार्य होता है। इसी के आधार पर किसान अपनी भूमि के स्वास्थ्य की जानकारी ले सकते है कि भूमि में कौन-कौन से पोषक तत्वों की कमी व अधिकता है। मृदा स्वास्थ्य कार्ड के आधार पर उर्वरकों की फसलवार अनुशंसा की जाती है। यदि मृदा स्वास्थ्य कार्ड की अनुशंसा के आधार पर किसान भाई उर्वरकों का प्रयोग करते हैं तो उन्हें कम लागत में अधिक उत्पादन प्राप्त होता है। वर्ष 2024- 25 में खरीफ सीजन के लिए 17,893 मृदा नमूना एकत्रीकरण के लक्ष्य प्राप्त हुए है। जो भी किसान भाई अपने खेत की मिट्टी की जांच करवाना चाहते हैं वह अपने क्षेत्र के कृषि विस्तार अधिकारियों से संपर्क करें, ताकि वह सही विधि से आपके खेत की मिट्टी का नमूना लेकर मिट्टी परीक्षण प्रयोगशाला में पहुंचा सके। किसान भाई अपने खेत की मिट्टी परीक्षण अवश्य कराये, मिट्टी परीक्षण प्रयोगशाला में मिट्टी की जांच निःशुल्क की जाती है।