अलीराजपुर । वन मेले का उद्घाटन समारोह महिला एवं बाल विकास विभाग मंत्री सुश्री निर्मला भूरिया के मुख्य आतिथ्य तथा वन पर्यावरण एवं अनुसूचित जाति कल्याण विभाग  मंत्री माननीय श्री नागर सिंह द्वारा माॅ सरस्वती की पूजा अर्चना एवं दीप प्रज्वलित कर  शुभारम्भ किया गया  । मेले के उदघाटन समारोह में सांसद झाबुआ रतलाम संसदीय क्षेत्र श्री गुमानसिंह डामोर, जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती अनीता नागरसिंह  चौहान,   ,पीसीसीएफ वन विभाग मध्यप्रदेश शासन श्री विजय कुमार अंबाड़े, मुख्य कार्यपालन अधिकारी म.प्र राज्य लघु वनोपज संघ श्री प्रफुल्ल फुलझले, पुलिस महानिरीक्षक ग्रामीण श्री अनुराग,कलेक्टर डाॅ अभय अरविंद बेडेकर ,  पुलिस अधीक्षक अलीराजपुर श्री राजेश व्यास , मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री अभिषेक  चौधरी , डीएफओ श्योपुर श्री चंदु  चौहान,   , डीएफओ बड़वानी, पत्रकार गण, अन्य अधिकारी एवं बड़ी संख्या में आम जनता उपस्थित रही। इस समारोह में रतलाम झाबुआ संसदीय क्षेत्र के सांसद श्री गुमान सिंह डामोर ने उपस्थित ग्रामीणों को संबोधित करते हुए कहा कि  भारतीय संस्कृति की उत्तपत्ति वनों से हुई है। जैसे जैसे मनुष्य वनों से दूर होकर शहरों में बसते गया उसे कई बीमारियो ने घेर लिया है। उन्होने कहा कि कोरोना काल के दौरान आमजन को आयुर्वेद का महत्व समझ आया और आमजन दौबारा आयुर्वेद की ओर आकर्षित हुए। उन्होंने बताया की वनों में हर बीमारी की दवाई मिलती है इस वन मेले के द्वारा जड़ी बूटियों के बारे में जानकारी लोगो तक पहुंचेगी और लोग वन संपदा का फायदा ले पाएंगे। सांसद श्री डामोर ने उपस्थित अधिकारी एवं वन मंत्री से आग्रह करते हुए कहा कि झाबुआ जिले में इस तरह के आयोजन किया जाना चाहिए ताकि झाबुआ के आदिवासी भाई बहनों को भी इस मेले का लाभ मिल सके ।इस समारोह में महिला एवं बाल विकास विभाग मंत्री सुश्री निर्मला भूरिया ने बताया की वन मंत्री श्री नागर सिंह चौहान की पहल के कारण ही इस विशाल वन मेले का आयोजन अलीराजपुर में संभव हो पाया । उन्होने बताया की भोपाल से सुदूर इस जिले अलीराजपुर में वनोपज भरपूर मात्रा में उपलब्ध है एवं आदिवासी भाई बहन इसका प्रयोग सदियों से कर रहे है, ऐसे में अलीराजपुर जैसे जिले में वन मेले के आयोजन से वनोपज की जानकारी पूरे प्रदेश में पहुंचेगी ।इस समारोह में वन पर्यावरण एवं अनुसूचित जाति कल्याण विभाग  मंत्री माननीय श्री नागर सिंह ने उपस्थित ग्रामीणों को संबोधित करते हुए कहा कि जब उन्होंने भोपाल में वन मेले का आयोजन होते हुए देखा और वहां से प्राप्त जानकारी से प्रभावित होकर उन्होने तय किया कि अलीराजपुर जिले के ग्रामीणों को भी इस तरह की जानकारी और मेले से मिलने वाले गुणवत्तापूर्ण सामग्रियों का लाभ मिलना चाहिए तब ही उन्होंने घोषणा की थी की आलीराजपुर जिले में वन मेले का आयोजन होगा। उन्होने बताया की वन मेले के कई फायदे है। उन्होने वन मेले से होने वाले  फायदों की जानकारी देते हुए कहा कि यहां के लोगों का आर्थिक उन्नयन होना प्राथमिकता है। जिले में आयोजित इस तरह के वन मेला एक अवसर देता है अपने वनोपज को देश विदेश तक प्रचारित करने का। वन मेले के द्वारा ग्रामीण जड़ी बूटियों के द्वारा होने वाले उपचार से भी रूबरू हो पाएंगे जो उनके स्वास्थ्य को बेहतर बनाएगा। कोरोना काल में भी अलीराजपुर के ग्रामीणों ने स्वयं की देखभाल कई प्रकार की वनोपज से की जिसके कारण अलीराजपुर जिले में अपेक्षाकृत कम हानि एवं परेशानियों का सामना करना पडा । उन्होने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा संचालित प्रधानमंत्री आवास एवं उज्जवला योजना के कारण लोगों ने लकडी का उपयोग कम कर दिया जिससे यहाॅ के वन क्षेत्र का विस्तार भी होने लगा और लोगों के स्वास्थ्य संबंधित परेशानियां भी कम हो गई । अतिथिगण ने प्रदर्शनी का अवलोकन किया। प्रदर्शनी में विभिन्न जिलों के वनोपज को लेकर समितियों के सदस्य उपस्थित हुए।इस समारोह में संस्कृति विभाग शाजापुर द्वारा लोक गीत की प्रस्तुति दी गई । एकलव्य परिसर अलीराजपुर की बालिकाओं द्वारा सरस्वती वंदना एवं सामाजिक न्याय विभाग द्वारा नशा मुक्ति नाटक का आयोजन किया गया । कार्यक्रम में स्वागत के समय पारंपरिक जैकेट एवं पुष्प गुच्छ उपस्थित अतिथियों को दिए तथा अंत में स्मृति चिन्ह के रूप में औषधि पौधे एवं औषधि बास्केट अतिथियों को दिया गया। मंच का संचालन श्री जितेन्द्र तंवर द्वारा किया गया एवं जिला वन मण्डलाधिकारी अलीराजपुर श्री मंयक गुर्जर द्वारा आभार व्यक्त किया गया।