भोपाल l कांग्रेस विधायक प्रताप ग्रेवाल द्वारा विधानसभा में पूछे गए सवाल के जवाब में पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री प्रहलाद पटेल ने बेलवाल की नियुक्ति से जुड़ी सभी नोटशीटें प्रस्तुत कीं। दस्तावेजों से स्पष्ट हुआ कि बेलवाल को सेवानिवृत्ति के 18 महीने बाद, 17 जुलाई 2020 को बिना किसी विज्ञप्ति या वित्तीय अनुमोदन के ओएसडी बनाया गया और महज 12 दिन बाद 29 जुलाई 2020 को मिशन का सीईओ नियुक्त कर दिया गया। खास बात यह रही कि मिशन में "ओएसडी" नाम का कोई पद था ही नहीं यह पद विशेष रूप से बेलवाल के लिए बनाया गया। इससे पहले 20 जून 2020 को तत्कालीन सीईओ शिल्पा गुप्ता को उनके पद से हटा दिया गया था। तत्कालीन एसीएस मनोज श्रीवास्तव ने नोटशीट में स्पष्ट लिखा था कि राष्ट्रीय आजीविका मिशन में सीईओ का पद किसी संविदा आईएएस अधिकारी को नहीं दिया जा सकता, वह भी बिना प्रक्रिया और वित्तीय सहमति के। उन्होंने यह भी कहा कि यह मामला अदालत में चुनौती योग्य है। इस पर तत्कालीन मंत्री महेन्द्र सिंह सिसोदिया ने भी सहमति जताई। इसके बावजूद, अंततः मुख्य सचिव के हस्तक्षेप से बेलवाल की नियुक्ति हुई।