बालाघाट जिले के ग्राम बोरगांव के एक प्रगतिशील किसान भूपेंद्र राहंगडाले ने अपनी सूझबूझ से गाँव के किसानों की अहम समस्या का निवारण करने में अपना योगदान सुनिश्चित कर लिया है। बालाघाट जिले में धान की खेती काफी मात्रा में होती है। खेती ज्यादा होने के साथ साथ खेत में खाली जमीन में पराली रखी होती है। जिसे किसानो द्वारा बाद में जलाया जाता था। लेकिन भूपेंद्र की सूझ बूझ और अनुभव से एक बेलर मशीन खरीद कर लाया गया और उसका बेट बनाया गया है। इस मशीन की खासियत ये है की यह 4 फिट लंबाई की 20 किग्रा की बेट (बंडल) बनाकर देता है । साथ ही पैरा बहुत अच्छा मुलायम बनता है जो जानवरों के खाने के लिए बहुत अच्छा चारा बन जाता है। इस मशीन के आने से पराली जलाने की समस्या से निजाद पाया जा सकता है। भूपेंद्र ने बताया कि पहले किसान धान की हार्वेस्टर से कटाई करने के बाद पराली खाली खेत में छोड़ देते थे। जिसे वे जला दिया करते थे। जिससे वायु प्रदूषण के साथ खेत में पाई जाने वाली मित्र कीट भी खत्म हो जाते थे। साथ ही वह पराली जानवरों के खाने के लायक भी नहीं होता था। लेकिन इस बेलर मशीन के आने के बाद पराली जलाने की समस्या खत्म हो गई एवं पराली अच्छे तरह से मुलायम बनकर जानवरों के लिए चारा के लिए भी काम आने लगा । क्षेत्र में अब तक बोरगांव, गुलवा, किन्ही व भूआ के आसपास के करीब 15 से 20 किसानो द्वारा इस मशीन का उपयोग कर पराली से बेट बनाकर जानवरों के लिए चारा बनाया गया।