जाको राखे साइयां मार सके न कोय ... यह कहावत  कालई गांव निवासी देवराज सिंह नेगी के लिए सही साबित हो रही है। वह 15 जून को केदारनाथ से आर्यन कंपनी के उसी हेलिकॉप्टर से अपने घर के लिए रवाना होने वाले थे, जो गौरी माई खर्क में क्रैश हो गया था और उसमें सवार सभी लोगों की मौत हो गई थी l

 उन्हें हेली कंपनी के ही एक कर्मचारी ने यह कहकर रोक दिया कि तुम इससे मत जाओ तुम्हें दूसरी शटल से भेज देंगे। कुछ ही बाद जब देवराज को पता लगा कि हेलिकॉप्टर क्रैश हो गया है, तो उसका पूरा शरीर कांपने लगा। उसे अब भी यकीन नहीं हो रहा है कि जिंदा बच गया है। देवराज ने कहा कि वो हेली कर्मी मेरे लिए देवदूत बनकर आया, अन्यथा कुछ भी हो सकता था।