रतलाम / कलेक्टर श्री राजेश बाथम ने गुरूवार प्रातः कृषि उपज मंडी का निरीक्षण किया। महू नीमच रोड स्थित उक्त मंडी परिसर में पसरी हुई गंदगी देखकर कलेक्टर सख्त नाराज हुए। मंडी सचिव श्री मुनिया को बुलाकर उनके प्रति अत्यधिक नाराजगी व्यक्त की। इस दौरान व्यापारियों, किसानों ने पेयजल समस्या की शिकायत की जिस पर मंडी सचिव को कलेक्टर ने तत्काल निराकरण के निर्देश दिए। कलेक्टर ने मंडी परिषद स्थित मृदा परीक्षण प्रयोगशाला का भी निरीक्षण किया। इस दौरान अपर कलेक्टर श्री राधेश्याम मंडलोई, एसडीएम श्री संजीव केशव पांडे भी साथ थे।

कलेक्टर द्वारा मंडी परिसर में चल रही गेहूं तथा चने की नीलामी का निरीक्षण किया। किसानों से चर्चा की, व्यापारियों से भी रूबरू हुए। कलेक्टर को किसानों ने बताया कि पीने के पानी की परेशानी है, टंकी में पानी गंदा मिलता है जिसे पी नहीं सकते हैं, इस पर कलेक्टर द्वारा सख्त नाराजगी व्यक्त करते हुए मंडी सचिव श्री मुनिया को निर्देशित किया गया कि मंडी स्थित सभी शेड्स में पानी की व्यवस्था की जाए। इसके अलावा मंडी परिसर के चारों कोनों में  पेयजल टंकियां रखवाई जाएं। निरीक्षण में कलेक्टर ने यह भी पाया कि मंडी परिसर में किसानों तथा उनके साथ आए व्यक्तियों के बैठने के लिए उचित व्यवस्था नहीं है।

कलेक्टर ने मंडी सचिव को निर्देशित किया कि प्रत्येक शेड्स में बैठने के लिए बेंचेस की व्यवस्था की जाए, हर एक शेड्स में वेटिंग एरिया बनाया जाए। गर्मी की परेशानी के दृष्टिगत ठंडक के लिए शेड्स में पंखे भी लगाए जाएं, साथ ही एसडीएम को निर्देशित किया कि मंडी परिसर में किसी प्रकार की चोरी अथवा नुकसानी नहीं हो। सुरक्षा व्यवस्था हेतु पुलिस विभाग के समन्वय से कार्य करें, रात्रि में गश्त की उचित व्यवस्था की जावे।कलेक्टर से किसानों ने मंडी परिसर में व्याप्त गंदगी के बारे में कहा कि चारों ओर गंदगी पसरी पड़ी है बैठकर भोजन करने में भी दिक्कत होती है। इस पर कलेक्टर ने मंडी सचिव श्री मुनिया को तत्काल सफाई के लिए अभियान संचालित करने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने कहा कि आगामी सप्ताह में दोबारा आकर निरीक्षण करेंगे।

मंडी सचिव दिए गए निर्देशों का पालन गंभीरता के साथ करें। इस दौरान यह शिकायत भी आई कि इस वर्ष नीलामी कार्य में ढिलाई बरती जा रही है, पिछले वर्ष जहां 700 के आसपास ट्रालियां प्रतिदिन खाली हो रही थी वहीं इस वर्ष 300 से 400 ट्रालियां ही खाली हो पा रही है, कलेक्टर ने मण्डी सचिव को कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए।कलेक्टर मंडी की कैंटीन में भी पहुंचे, वहां भी गंदगी पाई गई, बनाए जा रहे भोजन की गुणवत्ता का भी जायजा लिया। यहां 10 रुपए प्रति व्यक्ति भोजन उपलब्ध कराया जाता है। भोजन कर रहे किसानों से कलेक्टर द्वारा भोजन की गुणवत्ता के बारे में पूछताछ की गई जिस पर किसानों ने संतुष्टि व्यक्त की, बताया कि खाना अच्छा मिल रहा है। कलेक्टर ने रसोइयों को निर्देशित किया कि भोजन बनाने में जले हुए कुकिंग ऑयल का दोबारा इस्तेमाल नहीं किया जाए।

कैंटीन परिसर में ही किसानों के रात्रि विश्राम व्यवस्था का निरीक्षण करते हुए व्याप्त गंदगी तथा पलंग बिस्तर की उचित व्यवस्था नहीं पाए जाने पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कलेक्टर ने मंडी सचिव को निर्देश दिए कि रात्रि में किसानों को विश्राम की समस्या के निराकरण हेतु समस्त व्यवस्थाएं सुनिश्चित करें। कलेक्टर द्वारा रसोईघर में उपस्थित सहायकों को दी जा रही मजदूरी राशि की भी पूछताछ गई। भोजन मीनू के बारे में अवगत हुए।कलेक्टर द्वारा मंडी परिसर स्थित मृदा परीक्षण प्रयोगशाला का भी निरीक्षण किया गया। कलेक्टर प्रयोगशाला की कार्य प्रगति पर असंतोष व्यक्त करते हुए मृदा परीक्षणों की संख्या में वृद्धि के निर्देश दिए। मौजूद प्रयोगशाला सहायक से मृदा परीक्षण के संबंध में जानकारी प्राप्त की।