भोपाल l हमें रोटी दे दो ..., पत्थर मत मारो ! शायद यही कहती नजर आ रही है तस्वीर में दिख रही यह फीमेल डॉग l  हम पर दया करो ..? हमारे छोटे-छोटे बच्चे हैं, ना तो हमारे रहने की कोई व्यवस्था है ..? ना ही खाने पीने की कोई व्यवस्था है..? हम तो उन दयालु लोगों पर निर्भर हैं जो हमारे पिचके पेट और धसी हुई आंख....यानि हमारी  दयनीय  स्थिति देखकर हमें कभी कभी खाना दे दिया करते हैं l ईश्वर ने हमें पृथ्वी पर आपके भरोसे ही भेजा है, आजकल हमें पकड़ पकड़ कर जंगलों में छोड़ा जा रहा है l जंगलों में भी भूख और प्यास से तड़प तड़प कर हम मर जाते हैं l  बार-बार यही खबर आती है कुत्ते ने हमला किया पर क्या कभी आपने सोचा है कि  कुत्ते ने हमला क्यों किया ..? क्या  सारे कुत्ते आवारा हैं , ईश्वर ने हमें आपके भरोसे ही भेजा है, हमारा ना कोई अपना घर है, ना कोई इनका रोजगार है ,खाने को कुछ नहीं है..? अगर आप कुछ देते हो तो हम खा लेते हैं, अन्यथा भूखे ही सो जाते हैं ,क्या आपको पता है कि हमें कभी कभार ही खाना को मिल पाता है l फीमेल डॉग छोटे-छोटे बच्चों के साथ इतनी भीषण ठंड में खुले में पड़ी है और उन्हें पत्थर मारे जा रहे हैं , फीमेल डॉग अपने छोटे-छोटे बच्चों पर पत्थर पड़ने पर गुर्राती है ,तो क्या गलत करती है ..? कुछ वर्षों पूर्व भी यह मुद्दे उठे थेl  बाकायदा मेल और फीमेल डागों की कागजों में नसबंदी भी हो गई और हालात जस के तस बने हुए हैं ..? यदि जिम्मेदार अपने कर्तव्यों का सही निर्वहन करते तो शायद आज डॉग इतनी बड़ी संख्या में ना होते ..? जो डाग जहां पैदा हुआ है उसे वहीं रहने का अधिकार है परंतु हम उससे उसके अधिकारों को भी छीन रहे हैं l यह बात अलग है कि भूख प्यास से पीड़ित यह डॉग हमला भी कर देते हैं, काट भी लेते हैं ,इनके भूखे प्यासे रहने के लिए कहीं ना कहीं हम भी जिम्मेदार हैं l कॉलोनी के बाहर सुबह-शाम लोग इन्हें दो-दो रोटियां डाल दिया करते हैं, यह रात भर जागकर चौकीदारी कर उन दो रोटियों का कर्ज भी उतार देते हैं l जब भी वफादारी की बात होती है तो सबसे पहले इन्हीं का नाम लिया जाता है परंतु आज इन पर शामत आई हुई है l  निस्संदेह सरकार को ऐसा कोई उपाय करना चाहिए जिससे इन्हें भोजन पानी भी मिले l उनके रहने के लिए कुछ ऐसी व्यवस्था कर दी जाए जहां पशु प्रेमी जाकर इन्हें खाना भी दे सके और सरकार भी इनका ध्यान रख सके और नसबंदी के लिए भी ऑपरेशन चलाने की आवश्यकता है ताकि तेजी से बढ़ रहे डॉग्स की संख्या पर कंट्रोल किया जा सके लेकिन इस मामले में भी मानवता दिखाने की आवश्यकता है, इनको भी पत्थर से चोट लगती है ,इन्हें भी दर्द होता है l इन पर दया करने वाले लोगों को पेटलवर्स कहा जाता है आज कल तो उन पर एफ आई आर भी दर्ज हो रही हैं l