दमोह l मिशन अस्पताल में फर्जी कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. नरेंद्र यादव उर्फ नरेंद्र जॉन केम के इलाज से सात मरीजों की मौत का मामला सामने आने के बाद कैथ लैब को सील किया गया था। कैथलैब के पंजीयन में जबलपुर के कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. अखिलेश दुबे के हस्ताक्षर, मोबाइल नंबर पर ओटीपी और मेल सही पाया गया है। मामले की जांच के बाद यह तथ्य सामने आया है। मिशन अस्पताल में फर्जी डॉक्टर पकड़े जाने के बाद जिला प्रशासन और सीएमएचओ कार्यालय की रिपोर्ट पर पुलिस ने अस्पताल की कैथलैब के पंजीयन में गड़बड़ी मामले में एफआईआर दर्ज की थी। यह कार्रवाई डॉ. अखिलेश दुबे की शिकायत पर दर्ज हुई थी। डॉक्टर दुबे ने शिकायत दर्ज कराई थी कि कैथलैब के पंजीयन की प्रक्रिया में जो दस्तावेज लगे हैं, उनमें उनके फर्जी हस्ताक्षर हैं और दस्तावेज भी गलत तरीके से लगाए गए हैं। लेकिन जब इन दस्तावेजों की जांच हुई तो डॉक्टर दुबे के हस्ताक्षर, ओटीपी और मेल सही पाया गया। लैब का रजिस्ट्रेशन 2028 तक के लिए वैध मिला। जांच में यह भी पता चला है कि डॉ. दुबे के नाम पर दमोह के अलावा जबलपुर में भी कैथलैब संचालित है। हालांकि अभी पूरा मामला न्यायालय में है। चर्चा है कि अगर सही तरीके से जांच पड़ताल हो जाए तो डॉक्टर दुबे के नाम से और भी कई अस्पतालों में कैथलेब का रजिस्ट्रेशन हो सकता है और डॉक्टर अखिलेश दुबे की पुलिस में की गई  झूठी शिकायत पर भी उनके खिलाफ प्रकरण दर्ज होना चाहिए l सवाल तो यह भी है कि एक ही डाक्टर अपने नाम से अलग अलग अस्पतालों में कैथलैब का रजिस्ट्रेशन कैसे करा सकता है ..? अब देखना यह है कि पुलिस पल्ला झाड़ती है या फिर डॉक्टर अखिलेश दुबे के खिलाफ कार्रवाई करती है l