सिवनी जिले के केवलारी तहसील के मलारी गांव में ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जहां एक ही व्यक्ति को बार-बार सांप के काटने से मरा हुआ बताकर फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाए गए और सरकार से मुआवजा लिया गया। एक द्वारका बाई नाम की महिला के नाम पर 28 बार मुआवजा लिया गया, जबकि इस नाम की कोई महिला गांव में कभी रही ही नहीं। श्रीराम नाम के व्यक्ति के नाम पर भी फर्जी तरीके से मौत दिखाई गई, जबकि जामुनपानी गांव के लोगों का कहना है कि उनके गांव में इस नाम का कोई नहीं रहता। इसी तरह सुकतारा गांव में एक व्यक्ति विष्णु प्रसाद के नाम पर भी मुआवजा लिया गया, जबकि गांव वालों ने बताया कि ऐसे नाम का कोई व्यक्ति वहां कभी नहीं रहा। संत कुमार बघेल यही के रहने वाले हैं और वह जिंदा है और उनके नाम से भी पैसे निकाल लिए गए हैं जबकि उनको कभी सांप ने काटा ही नहीं था l इन घटनाओं से साफ है कि फर्जी नाम और झूठी मौतों के आधार पर करोड़ों का मुआवजा लिया गया। अब सवाल ये है कि सरकारी रिकॉर्ड में इतनी बड़ी गड़बड़ी आखिर कैसे हुई और इसमें किन अधिकारियों की मिलीभगत थी? यह पूरा फर्जीवाडा़ सोची समझी साजिश के तहत किया गया l यह 2019 से 2022 तक का मामला है निश्चित ही ऐसे घोटालेबाजों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए ताकि कानून के प्रति लोगों के मन मे भय व्याप्त हो l