विश्व बैंक का निम्न-कार्बन ऊर्जा कार्यक्रम विकास नीति के तहत वित्तपोषण प्रोत्साहन का यह दूसरा चरण है। पिछले साल जून में भी विश्व बैंक ने भारत को 150 करोड़ डॉलर की मंजूरी दी थी। इस मदद से देश में प्रति वर्ष 450,000 मीट्रिक टन ग्रीन हाइड्रोजन और 1,500 मेगावाट इलेक्ट्रोलाइजर के उत्पादन की उम्मीद है।