इंदौर में होगा जैविक कृषकों का बायर- सेलर मीट का आयोजन
झाबुआ l जैविक खेती को जिले के किसानो के यहां की जा रही जैविक खेती को गतिशील और समृद्ध बनाने की कडी में कलेक्टर नेहा मीना द्वारा जिले के विकासखण्ड रामा के सुदूर अंचल के ग्रामो के भ्रमण के दौरान कृषक समुदाय से चर्चा करते हुऐ किसानो को जैविक खेती करने के लिये प्रेरणादायी समझाईश से अभिप्रेरित किया। साथ ही कलेक्टर नेहा मीना द्वारा बताया गया कि जैविक कृषि को प्रोत्साहित करने के लिए कृषकों के लिए बायर सेलर मीट का आयोजन इंदौर में किया जाएगा। जैसा कि विदित है कि कलेक्टर नेहा मीना द्वारा जैविक कृषि करने वाले किसानों का सर्वे कराया गया जिसमें अब तक जिले के विभिन्न विकासखण्डो में 5000 कृषको का चिन्हांकन किया जा चुका है। चिन्हांकित कृषको के यहां लगभग 1200 हेक्ट क्षेत्र में उत्पादित होने वाली विभिन्न प्रकार की जैविक फसलो और उसके रकबे सहित अन्य जानकारियां संकलित की गई है।
जिले में विशेष रूप से उत्पादित होने वाली फसल मक्का, अरहर, मूंगफली सहित मोटा अनाजो को जिले के बाहर अच्छा बाजार उपलब्ध कराने की प्रचुर संभावना है। जैविक खेती से प्राप्त उपज की पोषणीय गुणवत्ता उच्चतर स्तर की होती है। जैविक रीति से उत्पादित अनाज के सेवन से व्यक्ति घातक बीमारीयों की आशंका से मुक्त रहता है। कलेक्टर नेहा मीना भ्रमण के दौरान ग्राम भुराडाबरा के महिला कृषक समूहो की सदस्यो से रूबरू होते हुऐ उनके द्वारा जैविक खेती के लिये किये जा रहे प्रयासो की जानकारी प्राप्त करते हुऐ महिला कृषको का उत्साहवर्धन किया। जैविक खेती के लिये किसानो द्वारा उपयोग किये जा रहे कम्पोस्ट खाद और जैविक कीटव्याधि नियंत्रण के लिये स्थानीय स्तर पर बनाये जा रहे कीटनाशको की जानकारी प्राप्त की गई। ग्राम की जैविक खेती के क्षेत्र में अग्रणी महिला कृषक श्रीमति अन्नू बाई द्वारा कलेक्टर से चर्चा करते हुऐ अपने अनुभव साझा किये। ग्राम में विभिन्न फसलो पर मौसम के दौरान कीटव्याधि प्रकोप वर्षा के प्रभाव की भी जानकारी लेते हुऐ कृषको से विस्तारपूर्वक चर्चा की गई। ग्राम के कृषको को आगामी रबी मौसम में जैविक तरिके से गेंहू, चना और सब्जीयो की खेती करने के लिये प्रेरित किया। ग्राम के किसान श्री कुंवरसिंह, श्री कालू वास्केल के खेत में कपास मक्का की अंर्तवर्तीय फसल पद्धति का सूक्ष्मता से अवलोकन करते हुऐ कृषको के चर्चा की गई। ग्राम भंवर पिपलिया के कृषक श्री जगदीश बाबू के खेत में रेज्ड बेड पद्धति से सोयाबीन उत्पादन प्रादर्श प्रक्षेत्र का अवलोकन किया। कृषि विभाग के माध्यम से सोयाबीन की नवीनतम उच्च उत्पादन देने वाली किस्म एन.आर.सी. 142 के विशिष्ट गुणो और उत्पादन क्षमता के संबध में कलेक्टर नेहा मीना को कृषक द्वारा अवगत कराया गया। कलेक्टर द्वारा ग्राम के किसानो के खेतो को मृदा स्वास्थ्य कार्ड वितरीत करते हुऐ मृदा स्वास्थ्य कार्ड में उल्लेखित अनुशंसाओ और इसके उपयोग के बारे में चर्चा की जाकर उन्हे तकनीकी जानकारी दी गई। भ्रमण के दौरान ग्रामीण अंचल के कृषको से उनकी खाद बीज की आपूर्ति के संबध में भी चर्चा की गई। शासन द्वारा सोयाबीन उपार्जन के लिये आज से ही प्रारंभ पंजीयन प्रकिया के बारे में कलेक्टर द्वारा विस्तारपूर्वक चर्चा करते हुऐ अधिक से अधिक सोयाबीन उत्पादक किसानो से पंजीयन करवाने का आव्हान किया गया। पंजीयन कार्य से जुडे विभिन्न विभागो के अमले को सक्रियता से कार्य करने तथा प्रचार-प्रसार के निर्देश दिये गये। मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्री जितेन्द्र सिंह द्वारा भी किसानो से उनकी विशिष्ट खेती पद्धति के बारे में चर्चा करते हुऐ उत्पादन उत्पादकता में वृद्धि के लिये अपनाये जाने वाले उपायो से अवगत कराया। उप संचालक कृषि एन.एस. रावत द्वारा जिले में पहली बार समावेशित सोयाबीन की नवीन किस्म एन.आर.सी. 142 की विशिष्टताओ पर प्रकाश डालते हुऐ जिले में सोयाबीन की खेती में नवीन किस्म की भूमिका को विस्तारपूर्वक कृषको को समझाया गया। उप संचालक कृषि द्वारा सोयाबीन की नवीनतम किस्म से प्राप्त होने वाली उपज को बीज के रूप में संग्रहीत कर आगामी मौसम में क्षेत्र के किसानो को उपलब्ध करवाने की समझाईश दी गई जिससे कृषक बीज के क्षेत्र में आत्म निर्भर हो सके और जिले में किस्म प्रतिस्थापन दर में वृद्धि हो सके। भ्रमण के दौरान कृषि विभाग के मैदानी अधिकारी गौरीशंकर त्रिवेदी, एल.एस. चारेल, एस.एस.रावत, एम.एस.धार्वे, ज्वाला सिंगार, रूपचंद डामोर, बी.एस.हटीला, दिनेश वसुनिया, उमेश खटोड, मुकेश निनामा, माधोसिंह सस्तीया उपस्थित रहे।