– भारत एवं प्रदेश के लिए गर्व का विषय है कि डॉ. अनुपम चौकसे, LNCT समूह के सचिव और JNCT प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी, भोपाल के चांसलर, ने संयुक्त राष्ट्र की विशेष एजेंसी अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) द्वारा आयोजित 113वें अंतरराष्ट्रीय श्रम सम्मेलन (ILC) में भारत का प्रतिनिधित्व किया। यह सम्मेलन 2 जून से 13 जून 2025 तक जिनेवा में आयोजित किया जा रहा है।

डॉ. चौकसे भारत सरकार के त्रिपक्षीय प्रतिनिधिमंडल (Indian Tripartite Delegation) का हिस्सा हैं, जिसमें सरकार, नियोक्ता संगठनों और श्रमिक संगठनों के प्रतिनिधि शामिल होते हैं। वे Indian Council of Small Industries का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं, जो सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों (MSMEs) की एक प्रमुख संस्था है। इनके साथ ही CII, FICCI, ASSOCHAM, SCOPE, और PHD चैंबर ऑफ कॉमर्स जैसे प्रतिष्ठित उद्योग संगठन भी सम्मेलन में भाग ले रहे हैं।

इस सम्मेलन में ILO के 187 सदस्य देशों के सरकारी प्रतिनिधि, नियोक्ता संगठन और श्रमिक संगठन भाग ले रहे हैं। यह सम्मेलन वैश्विक श्रम मानकों, सामाजिक सुरक्षा, सुरक्षित कार्य वातावरण और समावेशी विकास जैसे अहम मुद्दों पर केंद्रित है।

भारत सरकार की ओर से इस प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व श्रीमती वंदना गुरनानी, सचिव, श्रम एवं रोजगार मंत्रालय कर रही हैं, जिनके साथ अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी सम्मिलित हैं। भारत सरकार के माननीय श्रम एवं रोजगार मंत्री श्री मनसुख मांडविया ने भी सम्मेलन में भाग लेकर भारत की मज़बूत उपस्थिति दर्ज कराई।

केंद्रीय श्रमिक संघटन की ओर से डॉ. विराट जायसवाल , NFITU के राष्ट्रीय महासचिव और LNCT विश्वविद्यालय के डिप्टी रजिस्ट्रार , श्रमिक वर्ग की आवाज को वैश्विक मंच पर प्रस्तुत कर रहे हैं।

डॉ. अनुपम चौकसे को अनौपचारिक अर्थव्यवस्था (Informal Economy) समिति में नामित किया गया है, जो विकासशील देशों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह समिति असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों की पहचान, सुरक्षा और बेहतर कार्य स्थितियों को सुनिश्चित करने पर केंद्रित है।

इस अवसर पर स्विट्ज़रलैंड में भारत के राजदूत श्री अरिंदम बागची द्वारा भारतीय प्रतिनिधिमंडल के सम्मान में एक भव्य स्वागत रात्रिभोज का आयोजन किया गया, जिसमें सभी प्रतिनिधियों ने भाग लिया।

डॉ. अनुपम चौकसे ने कहा:

> “इस वैश्विक मंच पर भारत का प्रतिनिधित्व करना मेरे लिए गर्व और जिम्मेदारी दोनों है। अनौपचारिक अर्थव्यवस्था को सशक्त करना और वैश्विक श्रम मानकों में भारत की भूमिका को मज़बूती से प्रस्तुत करना आज के समय की आवश्यकता है। लघु उद्योग और शैक्षणिक संस्थानों का सहयोग समावेशी विकास की कुंजी है।”

🔹 अंतरराष्ट्रीय श्रम सम्मेलन के बारे में

International Labour Conference (ILC), ILO की सर्वोच्च निर्णयात्मक संस्था है, जिसमें 187 सदस्य देशों के प्रतिनिधि भाग लेते हैं। यह सम्मेलन सरकारों, नियोक्ताओं और श्रमिकों को एक साथ लाकर वैश्विक श्रम नीतियों का निर्माण करना है।