भोपाल l मध्यप्रदेश सरकार के एक मंत्री को भूलने की बीमारी हो गई है अक्सर वे उनके पास मिलने आए लोगों को ही भूल जाते हैं कभी वे पत्रकार को अधिकारी तो कभी अधिकारी को पत्रकार समझ बैठते हैं लेकिन इस बात में कहीं भी कतई भी कोई संदेह नहीं है कि उनकी गिनती सूबे के सबसे ईमानदार मंत्री के रूप में होती है l एक साल पहले उन्होंने उनसे कुछ मिलने वाले करीबियों को दाल-बाटी की पार्टी देने की बात कही थी लेकिन यह साल भी निकल गया पर वे अभी तक दाल-बाटी की पार्टी नहीं दे पाए ,समस्या भी यही है कि जब भी वे सामने पड़ते हैं तो दाल-बाटी की पार्टी देने की बात तो छोड़िए वे अपने उन करीबियों को ही भूल जाते हैं और मामला फिर वहीं खत्म हो जाता है लेकिन सूबे के यह मंत्री अपने बंगले पर मिलने आने वाले हर गरीब - गुरबे के काम करते हैं l कई बार वे ऐसे दीनहीन लोगों के लिए भी कलेक्टर को फोन लगाते देते हैं जिन्हें कोई अपने बंगले के भीतर भी न घुसने दे l यदि मानवता की बात करें तो वे इस मामले में महाभारत के कर्ण के समान ही हैं l अब तो आप समझ ही गए वे कौन हैं आपकी सुविधा के लिये बता दें कि जानबूझकर  उन्हें सर्वाधिक भ्रष्ट कहे जाने वाला विभाग दिया गया है ताकि वे स्वच्छता अभियान चला कर इस विभाग को साफ सुथरा कर सकें और वे इस दिशा में निरंतर प्रयास कर भी रहे हैं और सफल होते दिख भी रहे हैं l अब आप ही बताईए यह मंत्री कौन है ..? बूझो तो जाने ..?