शिवपुरी,/ संचालनालय कृषि अभियांत्रिकी म.प्र. भोपाल एवं उपसंचालक कृषि जिला शिवपुरी के समन्वय में सोयाबीन एवं अन्य दलहनी फसलों के बुवाई तकनीक पद्धति के नवाचार के संबंध में आज कृषि विज्ञान केन्द्र शिवपुरी में एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित की गई। कार्यशाला में जिले के नवागत कृषि विस्तार अधिकारियों, सहायक कृषि यंत्री एवं वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारियों के साथ कुल 55 प्रतिभागियों की सहभागिता रही।
कार्यशाला में कृषि अभियांत्रिकी विभाग के सहायक कृषि यंत्री इंजी. अंकित सेन द्वारा सोयाबीन की ब्रॉड-बेड-फरो पद्धति की जानकारी दी गई तथा यह भी बताया गया कि किस प्रकार साधारण सीड ड्रिल को ब्रॉड-बेड-फरो सीड ड्रिल में परिवर्तित किया जा सकता है तथा इस पद्धति से बोनी के क्या-क्या फायदे हैं।
उपसंचालक कृषि यू.एस.तोमर द्वारा जिले के कृषि विभाग के अमले को धान की डीएसआर पद्धति, मूंगफली में नवीन प्रजातियां एवं बुवाई तकनीक के साथ मिट्टी चढ़ाने की प्रक्रिया के लाभ बतलाते हुए जिले के नवागत कृषि के मैदानी अमले को कृषकों तक अधिक से अधिक कृषि तकनीकियों के प्रचार-प्रसार के संबंध में दिशा-निर्देश दिए गए। एस.एस. घुरैया, इंजीनियर मनोज रघुवंशी एवं डॉ. किरण रावत सहायक संचालक कृषि भी कार्यशाला में उपस्थित रहे जिनके द्वारा जिले के नवागत कृषि के मैदानी अमले को कृषि विज्ञान केन्द्र एवं विभाग के समन्वय में कृषि की नवीन तकनीकियों को कृषकों तक वृहद स्तर पर पहुंचाने के लिए समझाया गया।  
कृषि विज्ञान केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक (सस्य विज्ञान) डॉ. एम. के. भार्गव द्वारा जिले के परिप्रेक्ष्य में खरीफ फसल योजना प्रबंधन एवं तैयारियों के बारे में बतलाया। वैज्ञानिक (पादप प्रजनन) डॉ. पुष्पेन्द्र सिंह द्वारा सोयाबीन एवं अन्य खरीफ फसलों की नई किस्मों एवं बीजों की उपलब्धता की जानकारी दी गई तथा डॉ. ए.एल. बसेड़िया वैज्ञानिक कृषि अभियांत्रिकी द्वारा बोनी की अन्य उन्नत पद्धतियों जिसमें रिज-फरो तकनीकी पॉवरपाइंट प्रजेंटेशन एवं खेत में प्रायोगिक तरीके से बतलाई गई। अन्य वैज्ञानिक जे.सी. गुप्ता द्वारा पौध सुरक्षा उपायों के बारे में बतलाया गया। वरिष्ठ तकनीकी अधिकारी योगेश चन्द रिखाड़ी एवं डॉ. नीरज कुमार कुशवाहा द्वारा जल प्रबंधन एवं कृषिवानिकी की पद्धतियों के बारे में जानकारी दी गई। कृषि विज्ञान केन्द्र के अन्य स्टॉफ सतेन्द्र गुप्ता कार्यालय अधीक्षक सह लेखापाल एवं आरती बंसल स्टेनो की भी कार्यशाला के सफल आयोजन में प्रमुख भागीदारी रही।