जबलपुर कलेक्‍टर श्री दीपक सक्‍सेना की अध्‍यक्षता में आज कलेक्ट्रेट में किसान उत्पादक संगठन का गठन एवं संवर्द्धन योजना अंतर्गत जिला स्तरीय निगरानी समिति बैठक आयोजित की गई। जिसमें जिले में संचालित सभी केन्द्र पोषित योजना अंतर्गत एफपीओ की वित्तीय स्थिति पर विस्‍तृत चर्चा की गई। जिसमें एफपीओ का टर्नओवर, लाभ-हानि, शेयर धारकों की संख्या, सभी एफपीओ के आवश्यक लाईसेंस जैसे सीड, पेस्टिसाइड, फर्टिलाईजर, मंडी, जीएसटी, एफएसएसएआई इत्यादि शामिल थे। इसके साथ ही सभी एफपीओ के मार्केट लिंकेज के लिए ओएनडीसी ऑनबोर्डिंग की स्थिति, बैंक द्वारा ऋण स्वीकृत करने में कोलेट्रल सिक्युरिटी की समस्या एवं कृषक उत्पादक संगठन की विश्वसनीयता में वृद्धि करने, एफपीओ के लिए कैंप की तिथि निर्धारित करने जिसमें संचालक मंडल के सदस्यों को आवश्यक लाइसेंस और क्रेडिट लिंकेज पर मार्गदर्शन एवं उनका आवेदन सुनिश्चित करने जैसे बिन्दुओं पर चर्चा की गई। साथ ही कलेक्टर श्री सक्सेना द्वारा एफपीओ को निर्देशित किया गया कि वे बिजनेस मॉडल के आधार पर संचालित हो, ये अधिक पारदर्शी हो, शासन पर उनकी निर्भरता कम से कम हो। उन्‍होंने कहा कि इनमें बिचौलियों की भूमिका न हो, फसल की गुणवत्ता बढ़ाने पर काम किया जाए, जिससे एफपीओ एवं इनके सदस्य कृषकों को अधिक लाभ हो सके। इस दौरान एफपीओ से संबंधित विभागीय अधिकारियों से आशा की गई कि वे समय-समय पर एफपीओ की विजिट करते रहें, इन एफपीओ की निरंतर मॉनीटरिंग हो, इन्हें विजनेस मॉडल के आधार पर कार्य करने के लिए प्रेरित किया जावे एवं इन्हें कार्य करने में जो समस्याएं आ रही है उनके समाधान के लिए विभागीय अधिकारी इन्हे मार्गदर्शन उपलब्ध करावें। जिस भी एफपीओ के आवश्यक लाईसेंस बनना शेष रह गया है. उसे बनवाने एवं मार्गदर्शन के लिए कृषि उपज मंडी जबलपुर प्रांगण में कैंप का आयोजन किया जावे। बैठक में उप संचालक कृषि श्री एसके निगम, एडीए श्री रवि आम्रवंशी, श्रीमती कीर्ति वर्मा, श्री अमित पाण्डे, डॉ. उप संचालक उद्यानिकी श्रीमती नेहा पटेल, एलडीएम श्री दिवाकर ठाकुर, उप संचालक पशुपालन डॉ प्रफुल्ल मून, डीडीएम नाबार्ड श्री अपूर्व गुप्ता, मंडी सचिव श्री मनोज चौकीकर सहित अन्‍य संबंधित अधिकारी एवं जिले में संचालित समस्त कृषक उत्पादक संगठन के सीईओ शामिल रहे।