छिंदवाडा.l प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों के माध्यम से अल्पकालीन फसल ऋण लेने वाले कृषकों को ड्यू डेट पर चुकौती करने पर ही शून्‍य प्रतिशत ब्याज सहायता का लाभ प्राप्त हो सकेगा, जबकि डिफाल्टर कृषकों को राज्य शासन एवं केन्द्र शासन से प्राप्त होने वाली अतिरिक्त ब्याज अनुदान तथा प्रोत्साहन राशि की पात्रता नहीं होगी। यह राशि 7 प्रतिशत की दर से कृषक को ही ऋण वितरण दिनांक से ड्यू दिनांक तक भुगतान करनी होगी। इसके पश्‍चात कृषकों को 12 प्रतिशत ब्‍याज दर से ब्याज सहित ऋण अदा करना होगा।

        उल्‍लेखनीय है कि जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक छिन्दवाड़ा से संबद्ध 24 शाखाओं के अंतर्गत 146 प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों में 1,11,408 से भी अधिक ऋणी किसान हैं, जो इस समय शाखा व समितियों के माध्यम से प्रदत्त सुविधाओं और शासन की योजनाओं का लाभ प्राप्त कर रहे हैं। इस वर्ष 2024-25 में बैंक ने अपनी शाखाओं से संबद्ध बहुउद्देशीय प्राथमिक कृषि साख  सहकारी समितियों के माध्यम से खरीफ सीजन में 729 करोड़ एवं रबी सीजन में 180 करोड़ इस प्रकार कुल 909 करोड़ से भी अधिक का ऋण वितरण कर चुका है। ऐसे में इस वितरित अकालातीत व कालातीत ऋण की वसूली के लिए सहकारी समितियां अपने ऋणी सदस्यों के हितों का ध्यान रखते हुए उन्हें शासन की योजनाओं और बैंक कि शाखाओं व समितियों द्वारा दी जा रही सुविधाओं की जानकारी दे रहे है। सहकारी समितियों द्वारा कृषकों को शून्‍य प्रतिशत ब्‍याज दर पर अल्पकालीन फसल ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है। वर्ष 2024-25 में अल्पकालीन फसल ऋण लेने वाले उन कृषकों को शून्‍य प्रतिशत ब्‍याज सहायता योजना का लाभ प्राप्‍त हो सकेगा, जो समय पर (ड्यूडेट के पूर्व) अपना ऋण चुकायेंगे। जबकि समय पर अपना ऋण नहीं चुकाने वाले डिफाल्टर कृषकों को 12 प्रतिशत ब्‍याज दर से ब्याज सहित ऋण अदा करना होगा।

कालातीत सदस्यों पर वैधानिक कार्यवाही शुरू - प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों द्वारा अपने कालातीत सदस्यों को निरंतर समझाईश के बाद भी ऋण नहीं चुकाने वाले सदस्यों के विरूद्ध संस्थाएं धारा 84 के अन्तर्गत वैधानिक कार्यवाही करते हुए न्यायालय में प्रकरण दायर कर रही है। अब तक समितियों द्वारा 200 से अधिक प्रकरण सहकारिता विभाग के सी.जे.सी.एम.एस. पोर्टल पर दर्ज किया जा चुका है। जिसका न्यायालयीन व्यय भी कालातीत सदस्यों से वसूला जायेगा। इसी तरह क्रिस योजना के तहत लगभग 700 से अधिक कालातीत ऋणी सदस्यों के प्रकरण तहसीलदार (राजस्व अधिकारी) को ऋण वसूली के लिये सौंपे गए हैं, जो लगातार जारी है। खरीफ सीजन में सहकारी समितियों द्वारा वितरीत अल्पकालीन फसल ऋण की अदायगी तिथि 28 मार्च निर्धारित है। इस समय सीमा में ऋण नहीं चुकाने पर ऋणी सदस्यों को शासन की शून्‍य प्रतिशत ब्याज सहायता का लाभ नहीं मिल सकेगा। ऐसे में इस योजना के लाभ के लिये आवश्यक है कि ऋणी सदस्य लिए गए ऋण की चुकौति निर्धारित तिथि के पूर्व करें। बैंक ने अपील की है कि ऋणी कृ‍षक समय पर अपना ऋण चुकता कर शासन की शून्‍य प्रतिशत ब्याज सहायता योजना का लाभ सतत प्राप्‍त करें एवं अनावश्‍यक वैधानिक कार्यवाही से बचे। गौरतलब है कि कलेक्‍टर एवं बैंक प्रशासक श्री शीलेन्द्र सिंह द्वारा कालातीत एवं अकालातीत ऋणों की शत-प्रतिशत वसूली सुनिश्चित करने के निर्देश दिये गये है, जिसकी समीक्षा वे स्‍वयं सतत कर रहे है।