देवास l निदेशक विस्तार सेवाएं राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्व विद्यालय ग्वालियर डॉ. वाय.पी.सिंह. ने कृषि विज्ञान केन्द्र, देवास का वैज्ञानिक, रा.वि.सिं.कृ.वि.वि डॉ. वाय. डी. मिश्रा के साथ भ्रमण किया गया। भ्रमण के दौरान केन्द्र की विभिन्न इकाईयों जैसे पशुपालन इकाई, अजोला इकाई, केंचुआ खाद इकाई, प्राकृतिक खेती इकाई, बहुस्तरीय सब्जी उत्पादन इकाई, संरक्षित खेती इकाई, वर्षा जल संरक्षण इकाई के साथ-साथ फसल संग्रहालय, फल उद्यान एवं केन्द्र के प्रक्षेत्र का भ्रमण किया। भ्रमण के दौरान उन्होंने केन्द्र की विभिन्न इकाईयों के साथ फसल संग्रहालय एवं प्रक्षेत्र प्रबंधन की प्रशंसा की एवं केन्द्र के वैज्ञानिकों के कार्यों को सराहा। इस दौरान उन्होंने केन्द्र पर प्राकृतिक खेती पर आयोजित कृषक प्रशिक्षण कार्यक्रम में किसानों को संबोधित कहा कि खेती को लाभ का धंधा बनाने के लिए एवं लागत कम करने के लिए कृषक भाई फसल विवधिकरण अपनाएं एवं परंपरागत खेती के साथ-साथ पशुपालन, उद्यानिकी एवं मसालें वाली फसलों की खेती, केंचुआ खाद उत्पादन आदि करके अतिरिक्त आय अर्जित कर सकते हैं। वैज्ञानिक रा.वि.सिं.कृ.वि.वि. ग्वालियर डॉ. वाय.डी. मिश्रा ने विश्व विद्यालय में स्थित इनक्यूबेशन सेंटर के बारे में जानकारी दी गई तथा बताया कि किसान भाईयों को स्वयं का व्यवसाय स्थापित करने के लिए किस प्रकार इस सेंटर का लाभ ले सकते हैं। भ्रमण के दौरान कृषि विज्ञान केन्द्र, लहार के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. आर.पी.एस. तोमर, डॉ. एन.एस. भदौरिया एवं एक्रिप परियोजना, मंदसौर के वैज्ञानिक डॉ. प्रमोद फतेहपुरिया के साथ-साथ केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. के.एस. भार्गव, डॉ. महेन्द्र सिंह, डॉ. अरविन्दर कौर, वैज्ञानिक श्रीमती नीरजा पटेल, तकनीकी अधिकारी श्री विनेश मुजाल्दा एवं श्री पवन राजपूत, शीघ्र लेखक उपस्थित थे।