समन्वित कीटनाशी प्रबंधन से उत्पादन में वृद्वि संभव-डॉ. कुलमी, वरिष्ठ वैज्ञानिक
बड़वानी /कृषि विज्ञान केन्द्र के प्रधान वैज्ञानिक एवं प्रमुख डॉ. एस.के. बड़ोदिया के मार्गदर्शन में कृषि आदान विक्रेताओं हेतु आयोजित डिप्लोमा कार्यक्रम में 19 सितम्बर को कीट रोग विशेषज्ञ डॉ. जी.एस. कुलमी, वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख, कृषि विज्ञान केन्द्र खरगौन ने प्रशिक्षण दिया । इस अवसर पर डॉ. एस.के. बड़ोदिया ने स्वागत करते हुए जानकारी दी की डॉ. कुलमी जी विगत कई वर्षो से फसलों में कीट-व्याधी की रोकथाम के क्षेत्र कार्य कर रहे है व इन्हें समन्वित कीटनाशी प्रबधंन का प्रायोगिक अनुभव प्राप्त है, इनके द्वारा कई अनुंसधान कार्य किये गये । डॉ. कुलमीं ने निमाड़ क्षेत्र में फसलों पर लगने वाले प्रमुख कीटों व उनके जीवनचक्र की जानकारी देकर रोकथाम के उपाय बतायें । साथ ही फसलों में समन्वित कीट प्रबंधन हेतु अच्छी किस्म के बीजों का प्रयोग, बीजोपचार कर बुवाई करने से व बीजोचार हेतु जैव उर्वरकों राइजोबियम कल्चर, ट्राइकोडर्मा विरडी का प्रयोग एवं नाशीजीव प्रबंधन हेतु प्रक्षेत्र पर ़ 8-10 फेरोमेन ट्रेप प्रति एकड के प्रयोग की बात कही। जिससे कीट-व्याधी के प्रकोप से फसल सुरक्षित रहती है । इसके अतिरिक्त सब्जियों में लगने वाले कीटों में प्रमुख रूप से फु्रट बोरर से बचाव के उपाय की जानकारी दी । द्वितीय सत्र में डॉ. कुलमी ने खरपतवारों की पहचान एवं विभिन्न फसलों में उपयोग किये जाने वाले शाकनाशी की मात्रा की गणना की विस्तृत जानकारी दी तथा जैविक एवं रासायनिक दवाओं के अनुशंसित मात्रा के प्रयोग एवं कृषि के मित्र कीटों के संरक्षण हेतु भी जानकारी प्रदान की गयी। इस अवसर पर बी.एम. कृषि महाविद्यालय खंडवा की रेडी कार्यक्रम की छात्राओं सहित केन्द्र के वैज्ञानिक एवं अधिकारी डॉ. बी कुमरावत व यू.एस. अवास्या उपस्थित रहें ।