कृषि यंत्रो के चुनाव एवं रखरखाव विषय पर कृषक प्रशिक्षण संपन्न
कृषि विज्ञान केन्द्र शाजापुर द्वारा कृषि यंत्रो के चुनाव एवं रखरखाव विषय पर कृषकों के लिए ग्राम डंगीचा (दिनांक 09 से 12 सितंबर 2024 तक) में प्रशिक्षण आयोजित किया गया। जिसका समापन कृषि विज्ञान केन्द्र शाजापुर में आज 13 सितम्बर 2024 को जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री संतोष टैगोर के मुख्य आतिथ्य में किया गया।
कार्यक्रम के दौरान जिला पंचायत सीईओ श्री टैगोर ने बताया कि खेती को लाभप्रद बनाने के लिए कृषक भाई उन्नत कृषि तकनीक एवं उन्नत कृषि यंत्रों का प्रयोग कृषि विज्ञान के सलाह अनुसार करें, जिससे आर्थिक लागत कम होगी। प्रशिक्षण के दौरान केन्द्र के प्रधान वैज्ञानिक एवं प्रमुख, डॉ. जी.आर. अंबावतिया के द्वारा कृषक भाईयों से अनुरोध किया गया कि पूरे प्रशिक्षण के दौरान उन्नत कृषि यंत्रों के संबंध में बताई गई तकनीकों का प्रयोग अपनी खेती-बाड़ी में करें। साथ ही खेती में अधिक लाभ प्राप्त करने के लिए उद्यानीकी एवं औषधीय फसलों की खेती वैज्ञानिकों की सलाह अनुसार करें।
प्रशिक्षण के दौरान केन्द्र के कृषि अभियांत्रिकी वैज्ञानिक डॉ. एस.एस. धाकड़ ने खेती बाड़ी में प्रयोग किये जाने वाले उन्नत कृषि यंत्रो के चुनाव, रखरखाव एवं उन्नत कृषि यंत्रो की उपयोगिता के बारे में विस्तार से जानकारी दी। इस दौरान बताया गया कि विभिन्न फसलों की बुवाई के लिए हस्तचलित कृषि यंत्र डिबलर, पशु चलित बुवाई यंत्र के साथ रेज्ड बेड प्लांटर की विस्तार से जानकारी दी गई। रेज्ड बेड प्लांटर से बुवाई करने पर कम वर्षा की स्थिति में नमी का संरक्षण होता है एवं अधिक वर्षा की स्थिति में सुरक्षित जल निकास होता है। साथ ही ट्रेक्टर से चलने वाले विभिन्न जुताई, बुवाई, कटाई एवं गहाई के लिए उन्नत कृषि यंत्रों का उचित प्रचालन के साथ-साथ कृषि यंत्रों को चलाने से पहले, चलाने के दौरान एवं चलाने के बाद कौन-कौन सी सांवधानी रखी जाए के बारे में प्रशिक्षण में विस्तार से जानकारी दी गई। प्रशक्षिण के दौरान केन्द्र के वैज्ञानिक डॉ. गायत्री वर्मा, डॉ. मुकेश सिंह डॉ. डी.के तिवारी ने कृषकों को समसमायिक जानकारी दी। इस दौरान कृषकों की समस्याओं का मौके पर समाधान किया गया।
कृषि विज्ञान केन्द्र शाजापुर द्वारा फसलों में छिड़काव की उन्नत तकनीक, ड्रोन का प्रदर्शन, कृषि विज्ञान प्रक्षेत्र में नमो ड्रोन दीदी प्रियंका सौष्ट्रीय के सहयोग से आज 13 सिंतम्बर को किया गया। इस ड्रोन प्रदर्शन के दौरान केन्द्र के प्रमुख डॉ. अम्बावतिया ने बताया की आज के डिजिटल युग में खेती भी आधुनिक होती जा रही है
इसलिये कृषि विज्ञान केन्द्र नये-नये कृषि यंत्रों का प्रदर्शन कृषि विज्ञान केन्द्र, प्रक्षेत्र तथा कृषकों के खेतों पर कर रहा है, जिससे ड्रोन जैसे तकनीक से कम समय तथा कम लागत में कृषक ज्यादा उत्पादन ले सकें। यह तकनीक उद्यानिकी फसलों संतरा, अमरूद, आम के साथ-साथ गेहू, सरसों, अरहर, चना आदि फसलों के लिये भी काफी उपयोगी है। कार्यक्रम के दौरान 50 से अधिक कृषक उपस्थित थे।
इस ड्रोन तकनीक के प्रदर्शन के दौरान केन्द्र के वैज्ञानिक डॉ. एस.एस.धाकड़ ने बताया कि ड्रोन स्प्रेयर एक आधुनिक कृषि यंत्र है जिसमें ड्रोन की आधुनिक तकनीक द्वारा फसलों में कीटनाशकों तथा घुलनशील उर्वरकों का छिड़काव किया जा सकता है। इस ड्रोन तकनीक के माध्यम से सिर्फ 10 मिनट में 10 लीटर पानी में एक एकड़ खेत में दवा का छिड़काव कर सकते हैं, जबकि हस्त चलित स्प्रे पंप से एक एकड़ में छिड़काव करने में 8 से 10 घण्टे तथा 200 लीटर पानी की आवश्यकता होती है। ड्रोन की बैटरी को चार्ज करने में 20 मिनट का समय लगता है। इस ड्रोन तकनीक से समय, पानी तथा लेबर की काफी बचत होती है। ड्रोन द्वारा सभी प्रकार के कीटनाषक, फफूंदनाशक तथा घुलनशील उर्वरकों का छिड़काव किया जा सकता है। इस दौरान केन्द्र के वैज्ञानिक डॉ. डी.के. तिवारी, डॉ. गायत्री वर्मा, श्री रत्नेश विश्वकर्मा, श्री हितेन्द्र इंदौरिया, कु. निकिता नंद, श्री गंगाराम, श्री हाफिज खां भी उपस्थित थे।