सीहोर l परम्परागत खेती अब बीते दौर की बात हो जा रही है। नया दौर उन्नत तकनीक और प्राकृतिक खेती का है। जिले के किसानों ने इस व्यवहारिक तथ्य को समझा और प्राकृतिक खेती के तरीके से खेती की जाने लगी है। किसानों की प्रगतिशीलता और उद्यमशीलता को अवसर प्रदान करने के लिये हर जिले में आत्मा परियोजना संचालित की जा रही है। इस परियोजना के तहत जिले में सराहनीय काम हुआ है। प्राकृतिक खेती अपनाकर जिले के किसानों ने खेती को लाभा का धंधा भी बनाया है। इन्हें प्राकृतिक खेती के प्रसार उन्नत कृषि तकनीकों का इस्तेमाल करने एवं पर्यावरण संरक्षण में योगदान किया गया है। इसी प्रकार जिले में खेती के आलावा किसान उन्नत नस्लों के पशुपालन से अतिरिक्त आय अर्जित कि जा रही हे। जिले में प्रगतिशील किसानों को उन्नत कृषि तकनिक एवं स्व-सहायता समूहों को कृषि में विशेष प्रदर्शन के लिये प्रोत्साहन किया जायेगा। खेती-किसानी में किसानों को बड़े फायदे का सौदा बन गई है। किसानों ने प्राकृतिक खेती को अपनाया है। प्राकृतिक खेती पर्यावरण संरक्षण में भी सहयोगी है। इससे किसानों के एक पंथ दो काज पूरे हो रहे हैं।