नरसिंहपुर विकासखंड के अंतर्गत आने वाले ग्राम मचवारा के प्रगतिशील कृषक श्री प्रीतम लोधी जैविक खेती को अपनाकर प्रगतिशील कृषक के रूप में अपनी पहचान बनाई है। यह पहचान कड़ी मेहनत और लगन से मिली है। मध्यप्रदेश सरकार द्वारा संचालित आचार्य विद्यासागर गौ संवर्धन योजना का लाभ लेकर पशुपालन का काम शुरू किया। साथ ही जैविक खेती की ओर अपने कदम बढ़ाये। इनसे उन्हें गौमूत्र, गोबर खाद और दुग्ध उत्पादन में सफलता मिली। अब वे पहले से ज्यादा मुनाफा कमा रहे हैं। साथ ही श्री लोधी जैविक उत्पादों की पैकिंग के माध्यम से अपने प्रोडक्ट लोगों तक पहुंचा रहे हैं।

      श्री लोधी बताते हैं कि अपनी खेती में परम्परागत तरीके से रासायनिक उर्वरकों एवं कीटनाशकों का इस्तेमाल करते थे। उम्मीद के अनुसार न तो फसल उत्पादन होता था और ना ही फसल बेचने पर सही दाम मिल पाता था। लगभग 30 हजार रुपये की आमदनी होती थी, जिसमें से वे अपनी खेती की लागत भी मुश्किल से निकाल पाते थे। उन्होंने जैविक खेती करने पर विचार किया। इसके लिए उन्होंने अपने बुजुर्गों से सलाह ली। जिन्होंने बताया कि पहले के जमाने में वे लोग गाय- भैंस पालते थे और गोबर की खाद खेतों में डालते थे। जिससे कभी रासायनिक कीटनाशक एवं उर्वरकों का मुंह नहीं देखना पड़ा। भूमि के जीवमित्र और उर्वरता बनी रही।

 

      कृषक श्री लोधी ने जैविक खेती से संबंधित जानकारी कृषि विभाग और इंटरनेट से जुटानी शुरू की। उन्होंने वर्ष 2022 में जैविक खेती के लिए प्रशिक्षण लिया। जिसमें उन्हें जैविक खेती, उत्पादों की पैकिंग, सप्लाई, मार्केटिंग आदि के संबंध में जानकारी मिली। इसके अलावा उन्होंने सेंट आरसेटी से भी दुग्ध उत्पादन के लिए प्रशिक्षण प्राप्त किया। उन्होंने प्रशिक्षण के साथ ही जैविक खेती की ओर अपने कदम बढ़ाये और वर्ष 2022 में जैविक खाद का उपयोग करना शुरू किया। इससे उनके खेत में जीवांश की मात्रा में बढ़ोत्तरी होने लगी।   कृषक श्री लोधी ने 4 एकड़ खेत में जैविक खेती करनी शुरू की। इसमें गन्ना, अरहर, मूंग, सोयाबीन आदि जैविक रूप से लगानी शुरू की। उन्हें एक एकड़ में 300 किलो मूंग दाल, 30 से 35 क्विंटल गुड़ का उत्पादन हुआ और 10 से 11 हजार रुपये की राशि का चना विक्रय किया। इस तरह लगभग एक से सवा लाख रुपये तक शुद्ध मुनाफा अर्जित होने लगा। इससे उन्होंने स्वयं के उत्पादों का व्यवसाय शुरू किया। वे जैविक चना, मूंग, गुड़ पाउडर, कैंडी आदि की पैकिंग कर लोगों को सप्लाई करने लगे। इससे उन्हें लगभग 45 हजार रुपये का शुद्ध मुनाफा होने लगा। वे अंतरवर्ती खेती भी करने लगे हैं, जिसमें उन्होंने गन्ने के साथ मूंग की अंतरवर्ती खेती की। बुजुर्गों की सलाह पाकर उन्होंने पशुपालन के लिए आचार्य विद्यासागर गौ संवर्धन योजना का लाभ लिया। योजना से 4 गिर गाय और 4 भैंस को पालना शुरू किया। इससे खेती के लिए गोबर खाद और गौमूत्र से जीवामृत तैयार किया। दुग्ध उत्पादन से वे 10 से 15 हजार रुपये की मासिक आय प्राप्त कर रहे हैं।

      कृषक श्री लोधी कहते हैं कि भविष्य में वे ग्रीन हाऊस बनाकर जैविक सब्जी का व्यवसाय शुरू करेंगे। शासन से मिली सहायता के लिए वे प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी व मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को धन्यवाद देते हुए उनके द्वारा किये जा रहे किसान कल्याण के प्रयासों की प्रशंसा करते हैं।