भोपाल l इन दिनों पंचायत, ग्रामीण विकास एवं श्रम मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल के ‘‘भीख मांगने’’ के एक बयान पर हंगामा खड़ा कर हो गया है । उनके इस बयान के विरोध में कांग्रेस ने पूरे प्रदेश में आंदोलन किया l दरअसल पंचायत ग्रामीण विकास मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने राजगढ़ जिले के सुठालिया ग्राम में उनके अपने सामाजिक (लोधी-लोधा समाज के) सम्मेलन में बोलते हुए कहा कि लोगो को समाज से लेने की आदत हो गई है, अब तो लोगों को सरकार से ‘‘भीख’’ मांगने की भी आदत हो गई है। नेता आते हैं, एक टोकना (टोकरी) तो कागज मिलते हैं उनको। मंच पर माला पहनाएंगे और एक पत्र पकड़ा देंगे। यह अच्छी आदत नहीं है। लेने की बजाय देने का मानस बनाएं। मैं दावे से कहता हूं, आप सुखी होंगे और एक संस्कारवान समाज को खड़ा करेंगे’’ ‘‘शहीदों का सम्मान इसके सिद्धान्तों को अपनाकर बनाना चाहिए’’। ‘‘कोई शहीद कभी किसी से कुछ नहीं मांगता’’। जिस मंच से उन्होंने यह कहा, उस सामाजिक मंच की परिस्थितियों व विषय को ध्यान में रखते हुए उक्त पूरे बयान की गहराई पर विचार करेंगे, तो जिन लोगों के लिए मंत्री का यह संदेश था वह उनके अपने सामाजिक लोग ही थे l उनके कहने का अर्थ यही था कि व्यक्ति को स्वाभिमानी और आत्मनिर्भर होना चाहिए। क्योंकि उन्होंने कहा कि लेने की बजाए देने का मन बनाए । पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री पटेल बिना लाग लपेट के, सीधी प्रतिक्रिया देने के लिए ही जाने जाते हैं l 
 कांग्रेस प्रवक्ता मुकेश नायक का मंत्री पटेल के कथन के संबंध में बयान कि लोकतंत्र में जनता भगवान होती है, लेकिन भाजपा उसे भिखारी कह रही है  कहीं न कहीं उस बयान को राजनैतिक जामा पहनाने जैसा ही तो है। कांग्रेस का यह आंदोलन करना विधानसभा सत्र की रिहर्सल से ज्यादा कुछ भी नजर नहीं आता है। जिस लोधी - लोधा समाज के मंच से मंत्री पटेल ने यह बात कही थी ,उन्हीं के संदर्भ में कही थी l जब वह पूरी की पूरी समाज ही मंत्री पटेल के समर्थन में आ चुकी है तो फिर उस बयान का अब क्या मतलब रह जाता है l वैसे भी राजनीति में बयानों के अपनी - अपनी सुविधा के हिसाब से मायने निकाले जाते हैं फिर उसे राजनैतिक लाभ - हानि के पैमाने पर फिट करने की कोशिश होती है l जो लोग मंत्री पटेल को जानते हैं वह भली-भांति समझते हैं कि मंत्री पटेल का कोई भी बयान ही क्यों ना हो .. ? वह गंभीरता की श्रेणी में ही आता है, उनके व्यक्तित्व की गंभीरता को लोग समझते भी हैं l ऐसे में सहसा कोई नैरेटिव का सेट होना और फिर उसे फैलाने का कुत्सित प्रयास होना कहीं ना कहीं बात का बतंगड़ बनाने वालों के खुद के एक्सपोज होने जैसा ही है l मंत्री पटेल ने अपने बयान में जो कहा है उस पर वे आज भी अडिग है शायद इसलिए कि उन्होंने जो कहा था वह सही ही कहा था... वहीं उनकी पूरी की पूरी लोधी - लोधा समाज भी उनके साथ कदम से कदम मिलाकर खड़ी है l