विश्व शौचालय दिवस पर नरसिंहपुर जिले की ग्राम पंचायत बरमानकलां में पंचायत एवं ग्रामीण विकास व श्रम मंत्री श्री प्रहलाद सिंह पटेल ने स्वच्छता के लिए श्रमदान किया। साथ ही स्वच्छता मित्र/ स्वच्छता कर्मियों का संवाद कार्यक्रम आयोजित किया गया।

मंत्री श्री पटेल ने कहा कि माँ नर्मदा हमारे प्रदेश की जीवनरेखा है। हम सब उसे माँ का दर्जा देते हैं। हमारा भी फ़र्ज़ है कि हम उनके पुत्र/ पुत्री बनकर उनके साथ अच्छा बर्ताव करें। श्रद्धालु नर्मदा नदी में दूषित सामग्री या पूजन सामग्री को प्रवाहित न करें,ना ही नर्मदा नदी के तटों में कूड़ा करकट और अनुपयोगी सामग्री डालें। नर्मदा नदी के तटों को हमेशा साफ व स्वच्छ रखें। आज हमने यहाँ लगभग दो घंटे स्वच्छता के लिए श्रमदान किया है। माँ नर्मदा के तट से यह संकल्प लेकर जाये कि जिस प्रकार हम अपने घरों को साफ़- स्वच्छ और सुंदर रखते है। ठीक उसी तरह नदी तटों, तालाबों, अन्य जल स्त्रोतों को साफ- सुथरा व स्वच्छ बनाये रखेंगे। व्यक्तिगत शौचालयों एवं सामुदायिक शौचालयों में स्वच्छता के लिए जल व मल की निकासी होना बहुत ज़रूरी है। अपने भीतर के सामर्थ्य को पहचानें और बग़ैर फल की चिंता किए बिना समाज के प्रति अपनी नैतिक ज़िम्मेदारी को निभायें। हमारे आसपास स्वच्छता के लिए नये सिरे से सोचने की आवश्यकता है। स्वच्छता ही अच्छे स्वास्थ्य का आधार है। इसे अपनी आदत बनाकर अपने स्वभाव में निरंतरता प्रदान करनी होगी। केवल कचरे की साफ- सफाई ही नहीं उसका प्रबंधन करना भी नितांत आवश्यक है। सामुदायिक स्वच्छता परिसर, सार्वजनिक सुलभ कॉम्प्लेक्स का इस्तेमाल हो, यह न केवल स्वच्छता का जरिया है, बल्कि किसी व्यक्ति को रोजगार देने का काम भी करते हैं। 

मंत्री श्री पटेल ने कहा की बरमान घाट स्वच्छता समिति यह सुनिश्चित करें कि यहाँ गंदगी फैलाने वालों पर जुर्माना लगाया जाए। जुर्माने की कुछ राशि यहाँ सफाई कार्य में लगे स्वच्छता वॉलंटियर्स को दी जाये। 15 दिन के भीतर यह व्यवस्था बनाई जाए। ज़िले में प्रवाहित होने वाली नर्मदा नदी की स्वच्छता की ज़िम्मेदारी हमें लेनी होगी। मुझे पूरा यक़ीन है कि घाटों पर खारी विसर्जन करने आये लोग भी अगर थोड़ा वक़्त यहाँ श्रमदान में दें तो इसकी तस्वीर बदल जाएगी। स्वच्छता में सभी का सहयोग ज़रूरी है। जन आंदोलन के बिना यह संभव नहीं है। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी के जीवन से जुड़ा क़िस्सा बताते हुए मंत्री श्री पटेल ने कहा कि उनका प्रातः साफ़- सफ़ाई का समय निर्धारित था। एक व्यक्ति उनसे मिलने आया तो महात्मा गांधी ने अपने काम को रोके बिना उस व्यक्ति से बातचीत की। जब एक यह हमें सीख देता है कि हमें अपने काम में नि:स्वार्थ भाव से लगे रहना चाहिये।

स्वच्छता मित्र और स्वच्छताकर्मियों का किया सम्मान

मंत्री श्री पटेल ने मां नर्मदा के तटों पर साफ- सफाई का बीड़ा उठाकर उसको प्रदूषण मुक्त करने का संकल्प लेने वाले स्वच्छता मित्रों और स्वच्छताकर्मियों को सम्मानित किया। विदित है कि नर्मदा तटों पर लगातार श्रद्धालुओं की संख्या अमावस्या, पूर्णिमा, बसंत पंचमी सहित अन्य धार्मिक पर्वों पर बढ़ जाती है। स्वच्छता मित्र यहां नर्मदा तट से कचरा, पॉलीथिन, अगरबत्तियों आदि को एकत्रित करते हैं। साथ ही वे श्रद्धालुओं को माँ नर्मदा को प्रदूषण से बचाने के लिए प्रेरित करते हैं। इस अवसर पर जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती ज्योति नीलेश काकोड़िया, कलेक्टर श्रीमती शीतला पटले सहित जनप्रतिनिधि, अधिकारी- कर्मचारी और नागरिक मौजूद थे।