भारतीय संस्कृति, वैदिक ज्ञान और योग के माध्यम से विश्व कल्याण के संकल्प की ज्योत प्रज्ज्वलित करने वाले श्रद्धेय स्वामी विवेकानंद जी की जयंती भारत ही नहीं, बल्कि विश्व के लिए विशेष अवसर है। संन्यास पूर्व 'नरेंद्र' नाम से संबोधित स्वामी जी ने अकाट्य तर्कों और चिंतन से विश्व को सनातन संस्कृति द्वारा स्थापित उन जीवन मूल्यों, अद्वितीय विचारों और आदर्शों से परिचित कराया, जो विश्व बंधुत्व, समानता और लोक कल्याण की भावना संचारित करते हैं। यही दर्शन दुनिया को शांति प्रदान कर सकते हैं। कालांतर में स्वामी जी के विचार प्रासंगिकता के बावजूद सत्ता के उन शक्ति केंद्रों द्वारा उपेक्षित किए गए, जिन्हें इसके वैश्विक प्रचार-प्रचार के लिए प्रयास करने थे।

एक नरेंद्र द्वारा वर्षों पूर्व प्रकट संकल्प अब सिद्ध, फलीभूत और साकार कर रहे हैं दूसरे 'नरेंद्र' यानी हमारे यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी। आज विश्व पटल पर भारत के बढ़ते प्रभाव का स्रोत स्वामी जी के विचार हैं, जो मार्गदर्शन देते हैं कि भारतीय दर्शन और चिंतन ने मानव कल्याण के रास्ते में कभी भौगोलिक सीमाओं की बाधाएं नहीं आने दीं। हम सभी भारतीयों के लिए गर्व का विषय है कि क्षुद्र राजनीति से परे यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने विश्व कल्याण के लिए जिस मार्ग पर कदम बढ़ा दिए हैं, उसमें अहम पड़ाव भारत के विश्व गुरु के रूप में स्थापित होने का निश्चित रूप से है।

स्वामी विवेकानंद जी के विराट व्यक्तित्व में आसमान जैसा असीमित दृष्टिकोण, समुद्र की गहराई जैसी गंभीरता और बिना भेदभाव सभी के कल्याण के लिए सूर्य के समान विस्तारित दृष्टि सहज ही दिखाई पड़ती है। स्वामी जी से प्रभावित प्रधानमंत्री मोदी जी का जीवन हमें प्रति क्षण 'असंभव को संभव' बनाने की प्रेरणा देते हुए 'सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास' के लिए कदम बढ़ाने की नित नई ऊर्जा प्रदान करता है। 80 करोड़ नागरिकों के भोजन का प्रबंध हो या अब तक 11 करोड़ से अधिक नागरिकों को विकसित भारत संकल्प यात्रा के दौरान कल्याणकारी योजनाओं का लाभ देना, चंद्रयान के बाद आदित्य एल-1 मिशन, मोदी जी द्वारा अंत्योदय और प्रगति को निरंतर गति देने के भगीरथ प्रयास भारत के नवनिर्माण के प्रमुख आयाम के रूप में स्थापित हो रहे हैं। यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी त्यौहार पर उन दुर्गम चोटियों पर सैनिकों के बीच जाते हैं, जो जीवन दांव पर लगाकर देश की रक्षा कर रहे होते हैं।

मोदी जी अपनी खुशियां अनाथ बच्चों और दिव्यांगों के बीच बांटते हैं। प्रधानमंत्री को जनजातीय समुदाय के बीच बैठकर बात करते देश ने पहली बार नरेंद्र मोदी जी के रूप में देखा, देवस्थानों पर गर्व से सीना चौड़ा कर प्रवेश करते और विधि विधान से पूजन करते प्रधानमंत्री को देश ने पहली बार नरेंद्र मोदी जी के रूप में देखा। जब भी मां भारती के सम्मान को ठेस पहुंचाने की साजिशें हुईं, तो पूरी रात जागकर दुश्मनों को सबक सिखाने वाला प्रधानमंत्री देश ने पहली बार नरेंद्र मोदी जी के रूप में देखा। कोरोना जैसी विभिषिका में भी पूरे देश को एक साथ जोड़कर रखते हुए इस संकट को मुंहतोड़ जवाब देकर नरेंद्र मोदी जी ने विश्व को सामूहिकता की ताकत का एहसास करा दिया। करीब सवा सौ वर्ष पूर्व विश्व समुदाय के समक्ष भारत के एक नरेंद्र ने वसुधैव कुटुंबकम को साकार करने के लिए संकल्प व्यक्त किया था, उसे अब दूसरे नरेंद्र हमारे यशस्वी प्रधानमंत्री जी सिद्ध कर रहे हैं। निश्चित तौर पर भारत के जन-जन को सशक्त बनाकर विश्व कल्याण का प्रयास सफल किया जा सकता है। हम सभी सौभाग्यशाली हैं कि हमें यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी जैसा ऐतिहासिक नेतृत्व प्राप्त है, जिनके मार्गदर्शन में हम सभी विकसित भारत के निर्माण में अपना योगदान कर रहे हैं। आइए, आज स्वामी विवेकानंद जी की जयंती के पावन अवसर पर हम संकल्प लें कि मां भारती की सेवा और राष्ट्र के नवनिर्माण में हम अपना सर्वस्व समर्पित करेंगे