बुंदेलखंड के सागर जिले की मालथोन एवं बांदरी तहसील के किसानों ने पारंपरिक खेती से अलग सेम फली की खेती कर अपनी आमदनी को कई गुना बढ़ाया हैं। बता दें कि कुछ वर्ष पहले तक ये किसान सिर्फ पारंपरिक किसानी पर निर्भर थे।परंपरागत फसलों की बुआई करते थे। जिसके फलस्वरूप उन्हें ज्यादा मुनाफा नहीं हो पाता था, लेकिन अब अंचल के किसान न केवल आधुनिक पद्धतियों से किसानी कार्य कर रहे हैं, बल्कि नई नई फसलों की बुआई कर लाखों का मुनाफा भी कमा रहे हैं। बुंदेलखंड की सेम की फलियां अब आगरा, दिल्ली तथा देश के अन्य शहरों की सब्जी मंडियों की शोभा बढ़ा रही है। सागर जिले की बांदरी मालथौन तहसील क्षेत्र के किसान अब नकदी फसलों का उत्पादन लेने में रुचि दिखा रहे हैं और इन नकदी फसलों में से एक सेम की खेती हैं जो इन किसानों को मुनाफे का सबब बन रही है। किसान बताते है कि एक एकड़ में अगर वह पारंपरिक फसल गेहूं की बुआई करते है तो उन्हें 15 क्विंटल के करीब पैदावार ही मिल पाती थी, जो बाजार मूल्य अनुसार 32 हजार रुपए की होती है। जबकि इसी एक एकड़ रकबे में किसान प्रति सप्ताह 10 क्विंटल सेम का उत्पादन ले रहे है, जो बाजार मूल्य अनुसार 40 हजार रुपए की होती है और पूरे सीजन में किसान एक एकड़ में सेम की खेती से डेढ़ से 2 लाख रुपए कमा लेता है।  सेम की फसल नकदी फसल है, इसमें व्यापारी तुरंत भुगतान करते है। इस फसल का उत्पादन भी अच्छा होने से यह लाभ का धंधा है। इस कारण अंचल के अधिकांश किसानों का रुझान अब सब्जी वाली फसलों की तरफ बढ़ता जा रहा है।