बीकानेर l पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं भाजपा की वरिष्ठ नेत्री स्मृति ईरानी लंबे समय से राजनीति में हैं। अभी हाल ही में बीकानेर में उन्होंने कुछ ऐसे बयान दिए कि फिर से सबकी निगाहें उन पर टिक गईं। उन्होंने क्रिकेट के अंदाज में बात की, लेकिन निशाना राजनीतिक कप्तान और टीम पर था। उन्होंने कहा कि तेंदुलकर बेंच पर हो या क्रीज पर, उसकी उपलब्धियों को कोई मिटा नहीं सकता...। उनके इस बयान को उनके कैबिनेट से बाहर होने के बाद की प्रतिक्रिया के तौर पर देखा जा रहा है।  ईरानी इस बार अमेठी सीट से चुनाव हार गई थीं। इसके बाद उन्हें केंद्र सरकार के नए मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिली। उन्हें न तो संगठन में कोई पद मिला और न ही सरकार में। लेकिन बीकानेर में उन्होंने कहा कि वो 25 साल से पार्टी में एक आम कार्यकर्ता हैं। उन्होंने कहा कि मैं न पद की भूखी हूं और न सम्मान की प्यासी। पार्टी जब जहां बुलाएगी, मैं हाजिर हूं। ईरानी ने कांग्रेस पर सीधा हमला किया। उन्होंने कहा कि आपातकाल लोकतंत्र की हत्या थी। कार्यक्रम में उन्होंने कांग्रेस को खूब खरी-खोटी सुनाई। उन्होंने कहा कि 1975 में जो आपातकाल लगाया गया था, उसने देश के संविधान को चुप करा दिया था। एक लाख लोगों को जेल में डाल दिया गया और एक करोड़ लोगों की जबरदस्ती नसबंदी कराई गई। उन्होंने कहा कि वो काली रात आज भी लोकतंत्र का सबसे डरावना दौर है, जिसे देशवासी कभी नहीं भूलेंगे।