समूहों के सदस्य कर रहे है सौंफ की फसल का उत्पादन और विक्रय
धार l म. प्र. राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन अतंर्गत विकासखंड उमरबन में समृद्धि और वैभव लक्ष्मी संकुल स्तरीय संगठन के स्व सहायता समूहों के सदस्यों के द्वारा सौंफ की फसल का उत्पादन और विक्रय का कार्य किया जा रहा है। सौंफ भारत में लोकप्रिय बीज मसालों में से एक है, सौंफ का उपयोग खाद्य उद्योग में और इसका सुगंधित और औषधीय उपयोग भी है। इसलिये सौंफ की व्यवसायिक स्तर पर बहुत मांग होती है। मुख्यतः जिले के विकासखंड उमरबन, गंधवानी, मनावर एवं कुक्षी में रबी के सीजन में सौंफ की खेती की जा रही है। जिले में लगभग 1790 कृषक परिवारों के 723 हेक्टेयर रकबा पर 438 टन सॉफ की पैदावार की जा रही है। जिसमे 4 विकासखंड के कुल 1083 स्व सहायता समूह सदस्यों द्वारा लगभग 418 हेक्टेयर रकबा पर 255 टन सौंफ का उत्पादन किया जा कर स्थानीय स्तर बाजार, मंडी व सरस मेलो में विक्रय का कार्य कर राशि 2.80 करोड़ का टर्नओवर अर्जित किया गया है। आजीविका मिशन अतंर्गत समूहों को मिशन के माध्यम से विभिन्न प्रकार की सहायता राशि जैसे सामुदायिक निवेश राशि, चक्रिय कोश, बैंक केश क्रेडिट लिंकेज उपलब्ध कराया गया। शासन द्वारा विकासखंड उमरबन व गंधवानी में संकुल संगठन अतंर्गत 13 स्व सहायता समूहों को प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण योजना सीड केपिटल अतर्गत 14 लाख की राशि प्राप्त हुई है। जिला प्रशासन के कुशल मार्गदर्शन में समूहों की आजीविका गतिविधि के व्यवसायिक स्तर पर व्यापक विस्तार हेतु प्राप्त निर्देशों के अनुक्रम में विकासखंड उमरबन में स्व सहायता समूहों के द्वारा उत्तम किस्म की हरी सौंफ का संग्रहण कर बाजार की मांग अनुसार सौंफ की व्यवस्थित पैकेजिंग व ब्रांडिंग का कार्य किया जा रहा है। विकासखण्ड उमरबन में इस सीजन में अब तक 22 समूहों से 590 क्विंटल सौंफ का संग्रहण कर ग्राम कलालदा, सूलीबेड़ी और बेलाली में माँ शारदा समूह, माँ शेरावली समूह, अम्बिका समूह, माँ पावागढ़ समूह, ज्योति समूह एवं गंगा समूह सहित 8 समूहों द्वारा 500 क्विंटल सौंफ सीधे स्थानीय मंडी में विक्रय कर राशि 47.50 लाख का टर्न ओवर अर्जित किया गया है एवं उसी में से 90 क्विंटल उत्तम किस्म की गुणवत्ता पूर्ण सौंफ का संग्रहण प्रोसेसिंग का कार्य किया जाकर उत्तम किस्म की गुणवत्ता पूर्ण सौंफ एवं सौंफ के अन्य उत्पाद जैसे मीठी सौंफ, मुखवाश आदि उत्पादों के लिए कार्य योजना तैयार कर समूह द्वारा कार्य किया जा रहा है।