नई दिल्ली। भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने कहा, ‘देश में धार्मिक युद्ध भड़काने के लिए सुप्रीम कोर्ट जिम्मेदार है। सुप्रीम कोर्ट अपनी सीमा से बाहर जा रहा है। अगर हर बात के लिए सुप्रीम कोर्ट जाना है, तो संसद और विधानसभा का कोई मतलब नहीं है, इसे बंद कर देना चाहिए। आप अपॉइंटिंग अथॉरिटी को निर्देश कैसे दे सकते हैं? राष्ट्रपति भारत के मुख्य न्यायाधीश को नियुक्त करते हैं। संसद इस देश का कानून बनाती है। आपने नया कानून कैसे बनाया? किस कानून में लिखा है कि राष्ट्रपति को 3 महीने के भीतर फैसला करना है? इसका मतलब है कि आप इस देश को अराजकता की ओर ले जाना चाहते हैं l जब संसद बैठेगी तो इस पर विस्तृत चर्चा होगी।’ बता दें कि हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रपति को राज्यपालों द्वारा भेजे गए विधेयकों पर 3 महीने के भीतर फैसला लेने का निर्देश दिया था। यह फैसला 8 अप्रैल 2025 को तमिलनाडु बनाम राज्यपाल मामले में आया, जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने राज्यपाल आर.एन. रवि के विधेयकों पर देरी को असंवैधानिक ठहराया था। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने 15 अप्रैल 2025 को वक्फ (संशोधन) अधिनियम पर अंतरिम आदेश जारी किया था। साथ ही अदालत ने इस कानून के कुछ प्रावधानों पर केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया था। बता दें कि कानून संसद द्वारा पारित किया गया था, जिसका उद्देश्य वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन और पारदर्शिता में सुधार करना था।