सीहोर l गर्म जलवायु की फसल खरबूज-तरबूज के लिए 25 से 30 डिग्री का तापमान उपयुक्त है। इसके उत्पादन के लिए आप खेत की तैयारी व उपयुक्त मिट्टी खरबूज-तरबूज की खेती के लिए उन्नत तकनीक का उपयोग करें। कृषि वैज्ञानिक के अनुसार खरबूज-तरबूज की खेती आप सभीप्रकार की मिट्टी में कर सकते हैं परन्तु दोमट व रेतीली मिट्टी अधिक उपयुक्त होती है। बुवाई-रोपाई के लिए 2 से 3 बार कल्टीवेटर से खेत की जुताई करेंउसके बाद पाटा लगाकर मिट्टी को भुरभुरी बना लें। आखिरी जुताई के समय 200 से 250 क्विंटल की दर से सड़ी हुई गोबर की खाद मिलाएं।

      कृषि वैज्ञानिक के अनुसार उपयुक्त किस्में व बीज दर. खरबूज की किस्म पूसा बीज दर 15 से 2 किग्रा प्रति हैक्टेयर रखें। तरबूज की मधुरसपूसा मधुरिमाहरा मधुदुर्गापुरा मधु को चुनें। किस्म सरस्वतीसागर किंगमैक्सशुगर बेबीअर्का मानिक को चुनें। बीज दर 3 से 4 किग्रा प्रति हैक्टेयर रखें। बीज को दवा कार्बेन्डाजिम + मैन्कोजेब 2 ग्राम प्रति किलो बीज की दर से उपचारित करें। बुवाई या रोपाई इसके लिए थाला विधि उपयुक्त होती है। इसमें पूर्व से पश्चिम दिशा की ओर 45 से 60 सेमी चौड़ी व 30 से 40 सेमी गहरी नालियां बनाएं। नालियों के बीच दूरी 2 से 2.5 फीट रखें। प्रत्येक नाली के किसी एक किनारे पर 50 से 60 सेमी की दूरी पर थाला बनाकर एक ही जगह 2 से 3 बीजों को 1 से 2 सेमी की गहराई पर बोएं या तैयार पौध को थाले में रोपें।

      कृषि वैज्ञानिक के अनुसारखाद- उर्वरक खरबूज के लिए 80:75:50 किग्रा प्रति हैक्टेयर की दर से नाइट्रोजनः फॉस्फोरसः पोटाश का उपयोग करें। इसमें नाइट्रोजन की आधी और फॉस्फोरस व पोटाश की पूरी मात्रा को बुवाई या रोपाई के समय दें। नाइट्रोजन की शेष आधी मात्रा को 30 से 40 दिन बाद दें। तरबूज के लिए नाइट्रोजनः फॉस्फोरस: पोटाश की मात्रा 80:60:60 किग्रा प्रति हैक्टेयर की दर से उपयोग

करें। इसमें नाइट्रोजन की एक तिहाई मात्राफॉस्फोरस एवं पोटाश की पूरी मात्रा को बुवाई या रोपाई के समय दें। नाइट्रोजन की शेष एक तिहाई मात्रा को 25 30 दिन बाद एवं शेष एक तिहाई मात्रा को 40 से 45 दिन बाद दें। सिंचाई व्यवस्था.खरबूज एवं तरबूज की फसल में मिट्टी व जरूरत के अनुसार 5 से 6 सिंचाई करें। फसल की बढ़वार के लिए जल विलेय उर्वरक एन.पी.के. 18:18:18 मात्रा 1 किग्रा को 200 लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करें एवं ड्रिप सिंचाई के जरिए 3 से 4 किग्रा मात्रा का उपयोग करें।

सब्जी फसलों में थ्रिप्स व इल्ली नियंत्रण. टमाटरबैंगनमिर्चप्याजलहसुन आदि फसलों में रसचूसक कीट माहूमच्छर के नियंत्रण के लिए थायोमिथाक्जाम लेम्डासायलोथ्रिन मात्रा 125 ग्राम प्रति हैक्टेयर या फिप्रोनिल + इमिडाक्लोप्रिड 200 से 250 ग्राम प्रति हैक्टेयर की दर से उपयोग करें। इल्ली नियंत्रण के लिए प्रोफेनोफॉस + सायपरमेथ्रिन मात्रा 1.25 लीटर प्रति हैक्टेयर या क्लोरेन्ट्रानिलिप्रोल 18.5 एस.सी. मात्रा 150 ग्राम प्रति हैक्टेयर की दर से उपयोग करें। सब्जियों में कीटनाशकफफूंदनाशक का छिड़काव करने के बाद 5 से 7 दिन तक फसल की तुड़ाई न करें।