भोपाल l दिसंबर माह में प्रदेश की भाजपा सरकार डॉ मोहन यादव के नेतृत्व में अपना सफलतम एक वर्ष पूरा करने जा रही है । इस एक साल को बेमिसाल बनाने में जहां मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव स्वयं जी - जान से जुटे हैं वहीं उनकी सरकार में महत्वपूर्ण विभाग परिवहन के कैबिनेट मंत्री राव उदय प्रताप सिंह भी कहां पीछे रहने वाले हैं । विभागों की जन समस्याओं के निराकरण की जो सरकारी रिपोर्ट आई है उसमें चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। ज्यादातर कद्दावर मंत्रियों के विभाग डी श्रेणी में शामिल हैं इसका मतलब है कि उनकी परफॉर्मेंस कमजोर है। लेकिन परिवहन मंत्री राव उदय प्रताप सिंह की परफॉर्मेंस ने प्रभावित किया है । उनका परिवहन विभाग "ए" श्रेणी में शामिल है इसका सीधा सा अर्थ है कि परिवहन मंत्री जन अपेक्षाओं पर खरे उतरे हैं। जन समस्याओं के समाधान और योजनाओं की निगरानी के लिए सरकार का लोक सेवा प्रबंधन विभाग कड़ाई से निगरानी कर रहा है। कामकाज के आधार पर ही इन विभागों को ए,बी,सी,डी चार श्रेणियां में बांटा गया है। मंत्री राव उदय प्रताप सिंह ना सिर्फ अपने विधानसभा क्षेत्र में बल्कि प्रभार के जिलों में भी लगातार सक्रिय हैं। जब भोपाल में वह बंगलें /मंत्रालय में होते हैं तो उनसे मिलने आने वाले एक-एक व्यक्ति से मुलाकात करते हैं ,उनकी समस्याएं सुनते हैं और यथा संभव निराकरण भी करते हैं । वहीं परिवहन विभाग की गतिविधियों की भी लगातार नजर रखते हैं । समय-समय पर विभागीय समीक्षा बैठकों में स्पष्ट और कडे़ निर्देश भी देते हैं । पहली बार प्रदेश सरकार में मंत्री बने राव उदय प्रताप सिंह के परिवहन विभाग को विभागीय कार्य में सूचना एवं प्रौद्योगिकी के उत्कृष्ट प्रयोग के लिये राष्ट्रीय स्तर का प्लेटिनम स्कॉच अवार्ड भी प्राप्त हो चुका है। विभाग ने समस्त चालानी कार्यवाही को ई-चालान द्वारा एवं वसूली करें ऑनलाइन बैंकिंग और ई-पैमेंट के माध्यम से शत-प्रतिशत किये जाने का कार्यक्रम तैयार किया है। लोक कल्याण एवं आमजन की सुविधा के लिये प्रदेश के समस्त परिवहन कार्यालयों को ई-ऑफिस में परिवर्तित कर उनका उन्नयन किये जाने का कार्यक्रम भी तैयार किया गया है। इस सुविधा से नागरिकों को दी जाने वाली समस्त सुविधाएँ ऑनलाइन एवं फेसलेस हो जायेगी। अवैध वसूली के चेकप्वाइंट भी बंद कर दिए गए हैं वहीं मध्य प्रदेश में राज्य परिवहन सेवा को पुनः शुरू करने के प्रयास जारी हैं हमने 20 अगस्त 2024 को मंत्रालय में कोई मिले या ना मिले लेकिन उदय प्रताप सिंह तो मिल ही जाते हैं नामक शीर्षक से एक खबर प्रकाशित की थी जिसके अनुसार  मंत्रालय में इन दिनों परिवहन मंत्री छाए हुए हैं l इनसे मिलने आने वाले लोगों की भारी भरकम भीड़ और इनकी कार्यशैली की चर्चा अब हर तरफ हो रही है l मंत्रालय में इनकी सहज उपलब्धता के कारण ही आमजन और कार्यकर्ताओं में यह नेरेटिव सेट हो गया है कि मंत्रालय में कोई मंत्री मिले या ना मिले लेकिन परिवहन मंत्री तो मिल ही जाते हैं l लोकसभा में भी अपनी लगभग शत प्रतिशत उपस्थित और सक्रियता के चलते राष्ट्रीय राजनीति के बड़े नेता भी इनके मुरीद हैं परिवहन मंत्री की सक्रियता का ही परिणाम है कि उनका परिवहन विभाग आज "ए" श्रेणी में शामिल है इसलिए वह परफॉर्मेंस में नंबर वन हैं ।