वन मेले का हुआ समापन
अलीराजपुर । वन मेले का समापन कार्यक्रम मध्यप्रदेश के जल संसाधन मंत्री श्री तुलसीराम सिलावट के मुख्य आतिथ्य, वन, पर्यावरण एवं अनुसूचित जाति विकास विभाग मंत्री श्री नागरसिंह चौहान की अध्यक्षता, सांसद श्री गुमानसिंह डामोर के आतिथ्य में संपन्न हुआ।
वन मेले के समापन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जल संसाधन मंत्री श्री तुलसीराम सिलावट ने कहा वन मेले का आयोजन अलीराजपुर में किया जाना गर्व की बात है। इससे क्षेत्रवासियों को जडी बुटियों की जानकारी होगी। यह आयेाजन जनजातीय पहचान को बढावा देने की विशेष पहली और महत्वपूर्ण श्रृंखला है। उन्होंने कहा अलीराजपुर की पावन माटी समर्पण, त्याग और राष्ट्र सेवा के महानायक अमर शहीद चन्द्रशेखर आजाद की जन्म भूमि है। इस भूमि को शत शत नमन। उन्होंने कहा यहां प्रकृति और संस्कृति भरपूर मात्रा में उपलब्ध है। उन्होंने कहा केन्द्र और राज्य सरकार संस्कृति और परंपराओं को सुदृढ करने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। प्रदेश का महुआ विदेशों में पहचान बना रहा है। उन्होंने पेसा कानून की जानकारी मैदानी स्तर पर प्रभावी तरीके से पहुंचाने हेतु विषेष प्रयास संबंधित निर्देष दिए। उन्होंने कहा केन्द्र और प्रदेश सरकार योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन एवं अंतिम पंक्ति के व्यक्ति को योजनाओं का लाभ दिलाए जाने के लिए प्रतिबद्ध होकर कार्य कर रही है। उन्होंने कहा 2003 में प्रदेश का सिंचाई रकबा 6 से 7 लाख हेक्टेयर था जो वर्तमान में 47 लाख हेक्टेयर पंहुच गया है 2025 में इसके 65 लाख हेक्टेयर करने का लक्ष्य है। उन्होंने विकास प्रगति और उन्नती के लिए प्रतिबद्धता के साथ कार्य किया जा रहा है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्रदेश के 89 जनजातीय बाहुल्य ब्लाॅक में मेले को लेकर विशेष प्रयास किये जाए। उन्होंने कहा जिले में व्यापक स्तर पर विकास नजर आता है।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए वन, पर्यावरण एवं अनुसूचित जाति विकास विभाग मंत्री श्री नागर सिंह चौहान ने कहा वन मेले की परिकल्पना को भोपाल से अलीराजपुर स्तर पर लेकर आने का मुख्य उद्देष्य है कि प्रदेश भर में उत्पादित होने वाली जडी बुटियों और उनसे उत्पादित दवाओं आदि को आमजन जाने। जिलेवासियों को जडी बूटियों के बारे में जानकारी मिल सके। उन्होंने बताया अलीराजपुर में आयोजित वन मेले के माध्यम से 15 लाख रुपये से अधिक की जडी बूटियाँ एवं इनसे तैयार उत्पाद का विक्रय हुआ है। बडी संख्या में आमजन ने वन मेले का लाभ लिया है। उन्होंने कहा केन्द्र और राज्य सरकार वनोपज को विशेष पहचान दिलाने के लिए प्रयास रत है। उन्होंने कहा प्रदेश में वन धन केन्द्र की स्थापना से वनोपज संग्रहण करने वालों की आर्थिक स्थिति में बदलाव होगा उन्हें संग्रहित वनोपज का उचित दाम और मार्केट मिलेगा। उन्होंने कहा जिले के विकास हेतु प्रतिबद्धता के साथ कार्य किया जा रहा है। उन्होंने केन्द्र और राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं के बारे में बताया।