मुर्शिदाबाद के धूलियांन से लगे बेवदना गांव की तस्वीर बड़ी डरावनी है जैसे-जैसे सड़क अंदर की ओर जाती है...सबसे पहले टूटा हुआ मंदिर और खंडित भगवान के अवशेष बेदवना की वेदना का सारा हाल बयां कर देते हैं। उपद्रवियों ने यहां पशुओं को भी जिंदा जला दिया। शनिवार को हजारों की संख्या में आए उपद्रवियों ने 113 घर पूरी तरह जला कर राख कर दिया। अधिकांश परिवार भाग कर मालदा चले गए...कुछ पलायन कर झारखंड चले गए, कुछ जाने को तैयार हैं। हाथों में तलवार, पेट्रोल बम, हंसिया, और अन्या हथियार। 16 से 24 साल तक के युवा थे। पेट्रोल डाल कर घरों को जला दिया। लोग किसी तरह से बचकर भाग निकले। जमीन बेच कर पैसे रखे थे, उनको जला दिया। उपर वाले कमरे में पांच बकरियों को जिंदा जला दिया। सोना, चांदी जो मिला सब लूट कर ले गए। गौ शालाओं को जला कर राख कर दिया। इतना तो सुन और मान भी सकते हैं, लेकिन क्या इनसानियत इस कदर गिर सकती है कि खंटी में बंधे पशुओं को आग लगा दें। उपद्रवियों ने गांव के कई पशुओं को खंटी में ही आग लगा दी, जहां उनकी मौत हो गई। तांडव इतना भयावह था कि आज भी लोगों के हाथ पैर कांप रहे हैं l