श्रीअन्न (मिलेट्स) उत्पादक किसानों के लिये वरदान
रानी दुर्गावती श्रीअन्न प्रोत्साहन योजना श्रीअन्न (मिलेट्स) उत्पादक किसानों के लिये वरदान साबित होगी। इससे मिलेट्स उत्पादक कृषकों को अपने उत्पादों का उचित दाम मिलेगा, जिससे अन्य किसानों को मिलेट्स उत्पादन के लिये प्रोत्साहन भी मिलेगा। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मुख्यमंत्री बनने के बाद मिलेट्स उत्पादक किसानों के हित में योजना को लागू करने का ऐतिहासिक फैसला लिया। उन्होंने फैसला ही नहीं लिया, बल्कि 3 जनवरी को जबलपुर में हुई पहली ही कैबिनेट में योजना के प्रस्ताव को पारित भी किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव के इस निर्णय ने बता दिया कि वे प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा डिण्डोरी की मिलेट क्वीन श्रीमती लहरीबाई को सम्मानित करने के फैसले को नजीर मानते हुए प्रदेश को मिलेट प्रदेश बनाने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेंगे।
रानी दुर्गावती श्रीअन्न प्रोत्साहन योजना में राज्य सरकार, महासंघ द्वारा क्रय किये गये कोदो-कुटकी पर किसानों को भुगतान किये गये न्यूनतम क्रय मूल्य के अतिरिक्त सहायता राशि के रूप में किसानों के खातों में एक हजार रूपये प्रति क्विंटल डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) के तहत प्रदाय करेगी। इस योजना के लागू होने से श्रीअन्न (मिलेट्स) उत्पादक कृषकों को अधिक से अधिक लाभान्वित करने के लिये उनकी क्षमता संवर्धन, कोदो-कुटकी की विशिष्ट पैकेजिंग एवं ब्राँडिंग गतिविधियों को प्रोत्साहन मिलेगा। इससे कृषकों को बेहतर विपणन व्यवस्था उपलब्ध कराते हुए उत्पादों का उचित मूल्य दिलाने में सहायता मिलेगी। योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के लिये शासन ने पूर्व से संचालित लघु धान्य प्र-संस्करण, विपणन इत्यादि कार्यों में संलग्न एफपीओ/समूह को महासंघ के रूप में संगठित करने के लिये मार्गदर्शी निर्देश जारी किये हैं।
योजना से प्रदेश में श्रीअन्न उत्पादन में संलग्न कृषकों, एफपीओ/समूह को राज्य स्तरीय महासंघ के रूप में संगठित कर नवीन तकनीकी के उपयोग से श्रीअन्न, विशेषकर कोदो-कुटकी एवं उसके प्र-संस्कृत उत्पादों को राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर विशिष्ट पहचान स्थापित कराने में मदद मिलेगी। इससे एफपीओ द्वारा गठित फेडरेशन के माध्यम से श्रीअन्न के लिये वेल्यू चेन विकसित करने और कोदो-कुटकी की खेती में संलग्न कृषकों की आय में वृद्धि करने में मदद मिलेगी।
श्रीअन्न/कोदो-कुटकी के विपणन एवं प्र-संस्करण में कार्यरत एफपीओ महासंघ गठित किया जा रहा है। यह श्रीअन्न के उपार्जन, भंडारण, प्र-संस्करण, ब्रॉण्ड बिल्डिंग एवं उत्पाद विकास आदि कार्य करेगा। कम्पनी अधिनियम-2013 के अंतर्गत कम्पनी के रूप में महासंघ का गठन होगा। योजना के लाभार्थी एफपीओ फेडरेशन के सदस्य होंगे। ये ही सामान्य सभा के सदस्य भी होंगे एवं रोटेशन प्रणाली के आधार पर इनके द्वारा संचालक मण्डल के संचालकों एवं अध्यक्ष
का चुनाव किया जायेगा। नवीन एफपीओ को महासंघ में शामिल करने में बोर्ड का निर्णय अंतिम रहेगा।
योजना के क्रियान्वयन की नोडल संस्था किसान-कल्याण तथा कृषि विकास को बनाया गया है। मॉनीटरिंग व्यवस्था को पुख्ता करने के लिये विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी गई है। इससे योजना के क्रियान्वयन की उच्चतम स्तर पर बेहतरीन मॉनीटरिंग और समीक्षा होगी। इससे योजना के स्टेक होल्डर्स को लाभान्वित करने की प्रक्रिया में आने वाली दिक्कतों का निराकरण किया जाकर उन्हें अधिक से अधिक लाभ प्रदान किया जा सकेगा।