अनूपपुर कलेक्टर श्री आशीष वशिष्ठ ने कहा कि उद्यानिकी विभाग की हितग्राहीमूलक योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन पर विशेष ध्यान दें। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के अंतर्गत किसानों को ड्रिप स्प्रिंकलर उपयोग हेतु प्रेरित किया जाए, जिससे जल का अपव्यय रुक सके। उन्होंने कहा कि ड्रिप सिंचाई पद्धति, सिंचाई की आधुनिकतम पद्धति है। इस पद्धति में पानी की अत्यधिक बचत होती है, इस पद्धति के अन्तर्गत पानी पौधों की जड़ों में बूंद-बूंद करके जाता है तथा स पद्धति में जल का अपव्यय नगण्य होता है। कलेक्टर श्री आशीष वशिष्ठ आज कलेक्ट्रेट कार्यालय के नर्मदा सभागार में 17 मई को आयोजित होने वाली संभागीय एपीसी की बैठक की तैयारी की समीक्षा में अधिकारियों को निर्देशित कर रहे थे। 

             बैठक में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्री तन्मय वशिष्ठ शर्मा, परियोजना अधिकारी आत्मा श्रीमती निशा सिन्हा, उप संचालक पशु चिकित्सा सेवाएं डॉ. ए.पी. पटेल, सहायक संचालक उद्यान श्री सुभाष श्रीवास्तव, सहायक संचालक मत्स्य सहित संबंधित विभाग के विभागीय अधिकारी उपस्थित थे। 

              बैठक में कलेक्टर ने जिले के खाद्य प्रसंस्करण यूनिट के संबंध में अधिकारियों से जानकारी प्राप्त की। जिस पर अधिकारियों ने कलेक्टर को जानकारी दी कि जिले में लगभग 21 खाद्य प्रसंस्करण इकाई संचालित हो रही है। जिस पर कलेक्टर ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि जिले में सभी खाद्य प्रसंस्करण यूनिट की भौतिक सत्यापन कर जानकारी कलेक्टर कार्यालय में प्रस्तुत करें। उन्होंने अधिकारियों को यह भी निर्देश दिए खाद्य प्रसंस्करण यूनिट का भविष्य में जिले के भ्रमण के दौरान निरीक्षण भी किया जाएगा। 

              बैठक में कलेक्टर ने उद्यानिकी फसल सब्जी, मसाला, फल-फूल इत्यादि के रकवा एवं उत्पादन के संबंध में जानकारी प्राप्त की तथा अधिकारियों को कलेक्टर ने निर्देश दिए की जिले में किसानों को उद्यान की फसल हेतु प्रेरित किया जाए। उन्होंने कहा कि किसानों को उत्पादन बढ़ाने के संबंध में भी जानकारी दी जाए। जिससे कृषकों के लिए कृषि लाभ का धंधा साबित हो सके। इस दौरान कलेक्टर ने औषधीय पौधों के उत्पादन की भी जानकारी अधिकारियों से प्राप्त की। 

           बैठक में कलेक्टर ने पशुपालन विभाग के विभागीय योजनाओं के क्रियान्वयन की समीक्षा कर जानकारी प्राप्त की। कलेक्टर ने बैठक में मुख्यमंत्री गौशाला योजना, गौशाला व्यवस्था, दुग्ध संयंत्र सहित अन्य विभिन्न विषयों पर अधिकारियों से चर्चा की। इसी प्रकार कलेक्टर ने मत्स्य विभाग के अंतर्गत मत्स्य बीज उत्पादन, वितरण तथा लक्ष्य एवं उपलब्धियों के संबंध में अधिकारियों से जानकारी प्राप्त की। बैठक में कलेक्टर ने मछली उत्पादन हेतु बनाए गए अमृत सरोवर तालाबों के संबंध में भी अधिकारियों से चर्चा की तथा मछली उत्पादन की स्थिति की जानकारी प्राप्त की। 

            बैठक में कलेक्टर ने मत्स्य विभाग के अंतर्गत मत्स्य संपदा योजना के क्रियान्वयन की जानकारी प्राप्त की तथा मत्स्य उत्पादन के दौरान दुर्घटना ग्रस्त मृतक कृषकों की जानकारी प्राप्त की तथा मृत्यु के पश्चात दुर्घटना बीमा की राशि मृतक के परिजनों को प्राप्त हुआ अथवा नहीं के, संबंध में भी अधिकारियों से जानकारी प्राप्त की।