नई दिल्ली । जगदीप धनखड़ के अचानक स्वास्थ्य कारणों से उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा देने के बाद देश के दूसरे सबसे बड़े संवैधानिक पद के लिए चुनाव की प्रक्रिया शुरू होने वाली है। अब नजरें संसद के नंबर गेम पर टिकी हैं। इस बार के चुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन को स्पष्ट बढ़त मिलती दिख रही है क्योंकि दोनों सदनों में उसके पास पर्याप्त संख्या है। उपराष्ट्रपति का चुनाव लोकसभा और राज्यसभा के सदस्यों द्वारा किया जाता है। कुल मिलाकर दोनों सदनों की प्रभावी संख्या 786 है और जीत के लिए उम्मीदवार को 394 वोटों की जरूरत होती है। एनडीए के पास इस समय 422 वोट हैं, यानी उसे बहुमत से कहीं अधिक समर्थन हासिल है और उसकी जीत लगभग तय मानी जा रही है, बशर्ते सभी सदस्य मतदान करें।