छिंदवाडा़ l उप संचालक कृषि श्री जितेन्द्र कुमार सिंह ने बताया कि छिंदवाडा जिले में रबी सीजन में मांग अनुसार सभी उर्वरक लगातार प्राप्त हो रहे हैं। जिले में अभी तक कुल यूरिया 33813 मेट्रिक टन, डीएपी एवं एनपीके 22056 मेट्रिक टन, सिंगल सुपर फास्फेट 21812 मेट्रिक टन, एमओपी 6308 मेट्रिक टन उर्वरक प्राप्त हो चुके हैं। अभी तक यूरिया 25786 मेट्रिक टन, डीएपी एवं एनपीके 15209 मेट्रिक टन, सिंगल सुपर फास्फेट 8701 मेट्रिक टन, एमओपी 2773 मेट्रिक टन उर्वरक वितरण किया जा चुका है। यूरिया 8027 मेट्रिक टन, डीएपी एवं एनपीके 6847 मेट्रिक टन, सिंगल सुपर फास्फेट 13111 मेट्रिक टन, एमओपी 3535 मेट्रिक टन उर्वरक वर्तमान में शेष है। गतवर्ष नवंबर 2023 की तुलना में इस वर्ष सभी उर्वरक अधिक हैं। इस प्रकार जिले मे सभी उर्वरकों की पर्याप्त उपलब्धता है।

       जिले में मार्कफेड के 07 डबल लॉक केन्द्र (खाद गोदाम) एवं मार्कफेड के 02 नये खोले गये उर्वरक के नगद वितरण केन्द्र जुन्नारदेव एवं हर्रई, मार्केटिंग समिति के 02 उर्वरक विक्रय केन्द्र अमरवाडा एवं चौरई, एमपी एग्रो के 02 केन्द्र उर्वरक नगद वितरण केन्द्र उमरानाला एवं नई सब्जी मंडी गुरैया व 146 सभी सेवा सहकारी समितियों में सभी उर्वरकों की पर्याप्त उपलब्धता है। किसान अपनी आवश्यकतानुसार उर्वरक प्राप्त कर सकते हैं।  जिले को विगत 02 दिनों में 02 रैक यूरिया एवं 01 रैक डीएपी उर्वरक व 01 रैक सिंगल सुपर फास्फेट प्राप्त हुई है। साथ ही 02 रैक यूरिया व 01 रैक डीएपी उर्वरक ट्रांजिट में है, जो आगामी 2-3 दिवस में प्राप्त हो जायेगी। इस प्रकार सभी उर्वरकों की पर्याप्त उपलब्धता है।

      कलेक्टर श्री शीलेन्द्र सिंह द्वारा गठित दल द्वारा लगातार मॉनिटरिंग कर दुकानों की जांच की जा रही है एवं कलेक्टर श्री सिंह द्वारा प्रति सप्ताह लगातार बैठक लेकर उर्वरक भंडारण एवं वितरण की समीक्षा की जा रही है व उर्वरकों की कालाबाजारी करने एवं शासन द्वारा निर्धारित दर से अधिक कीमत पर उर्वरक विक्रय करने पर सभी उर्वरक विक्रेताओं पर एफआईआर दर्ज कराये जाने के निर्देश दिए गए हैं।

     कलेक्टर श्री सिंह द्वारा उपायुक्त सहकारिता एवं महाप्रबंधक जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित छिंदवाडा को निर्देशित किया गया है कि सभी समितियों में उर्वरकों की पर्याप्त उपलब्धता बनी रहे। साथ ही जिला विपणन अधिकारी छिंदवाडा को निर्देशित किया गया है कि मार्कफेड के सभी डबल लॉक केन्द्र एवं विक्रय केन्द्रों में आवश्यक व्यवस्था बनाकर किसानों को उर्वरक उपलब्ध कराया जाये।