जबलपुर जिले में अधिकतर धान की कटाई अब उन्नत कृषि यंत्रों के द्वारा की जा रही है, धान की अधिकतर मल्टीक्राप हार्वेस्टर द्वारा किया जा रहा है, धान की कटाई के उपरांत खेत में छोड़ी गई पराली को कृषक आग लगा देते हैं, जिससे मिट्टी के पोषक तत्व एवं पर्यावरण को भी हानि हो रही है। इफको के सहयोग से जिले में बेलर यंत्र के द्वारा पराली के बेल बनाए जा रहे हैं, जिससे परली जलाने की समस्या से भी निजात मिल रहा है, साथ-साथ ही इसका उपयोग गौशालाओं में कैटल फीड, बायोफ्यूल, बायोफर्टिलाइजर, पैकेजिंग मैटेरियल आदि में किया जा सकता है। वर्तमान में 2400 एकड़ का लक्ष्य रखा गया है जिसमें कृषि अभियांत्रिकी एवं इफको के अधिकारी कृषकों के खेत पर बेलर यंत्र से पराली के बेल बनवा रहे हैं साथ ही इनके वैकल्पिक उपयोग हेतु बढ़ावा देने की समझाइए कृषक भाइयों को दे रहे हैं।